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Muzaffarnagar News: IIT में सीट मिलने के बावजूद नहीं हो पाया एडमिशन, न्याय के लिए दलित छात्र पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

लखनऊ: यूपी के मुजफ्फरनगर के एक छात्र को पहले राउंड में आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर की सीट मिल गई थी, लेकिन समय पर फीस जमा नहीं करने के कारण इस छात्र को कॉलेज में दाखिला नहीं मिल सका। जिस वजह से पीड़ित छात्र ने सुप्रीम कोर्ट का सहारा लिया है. कोर्ट ने उसकी सहायता […]

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  • September 27, 2024 10:15 am Asia/KolkataIST, Updated 7 months ago

लखनऊ: यूपी के मुजफ्फरनगर के एक छात्र को पहले राउंड में आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर की सीट मिल गई थी, लेकिन समय पर फीस जमा नहीं करने के कारण इस छात्र को कॉलेज में दाखिला नहीं मिल सका। जिस वजह से पीड़ित छात्र ने सुप्रीम कोर्ट का सहारा लिया है. कोर्ट ने उसकी सहायता का पूरा दिलासा दिया है.

इस वजह से फीस जमा नहीं हो पाया

मुजफ्फरनगर के खतौली के टिटोड़ा गांव निवासी राजेंद्र के बेटे अतुल कुमार को आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर की सीट मिली है। अतुल ने अपने दस्तावेज़ समय पर जमा कर दिए लेकिन फीस जमा होने से पहले ही कॉलेज की वेबसाइट अपने आप लॉग आउट हो गई, जिसके कारण उसका प्रवेश रोक दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया दिलासा

बात दें कि मामले को लेकर अतुल ने कोर्ट की शरण ली। सबसे पहले उन्होंने मद्रास हाई कोर्ट में केस दायर किया, लेकिन कोर्ट से तारीख नहीं मिलने पर अपने वकील की सलाह पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां 24 सितंबर की तारीख तय की गई. सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित छात्र को पूरी मदद का आश्वासन दिया है. इस मामले की अगली तारीख सोमवार 30 सितंबर तय की गई है.

पिता फैक्ट्री में मजदूरी करते है

अतुल कुमार एक गरीब दलित परिवार से हैं। उसके पिता राजेंद्र एक फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं। गांव स्थित जीआर पब्लिक स्कूल से आठवीं कक्षा पास करने के बाद अतुल ने अपने भाइयों के साथ खतौली के गिरजानंद स्कूल से हाईस्कूल और शिशु शिक्षा निकेतन से इंटरमीडिएट पास करने के बाद कानपुर के गहलोत सुपर हंड्रेड इंस्टीट्यूट से तैयारी की। उन्होंने बताया कि हम फीस का इंतजाम कर रहे हैं. गांव वालों से पैसे भी उधार लिए हैं. लेकिन तब तक फीस जमा करने का समय खत्म हो चुका था.

अगली सुनवाई 30 सितंबर को

अतुल ने कहा कि 24 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी, हमने कोर्ट में अपनी बात रखी है. कोर्ट ने हमें पूरी मदद का आश्वासन दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी. अमित के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं और दर्जी का काम भी करते हैं. उन्होंने कहा कि वह इंजीनियर बनना चाहते हैं.


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