लखनऊ। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की। इसके बाद से मंगलवार से भक्तों के लिए मंदिर खोल दिया गया है। रामलला की एक झलक देखने के लिए श्रद्धालु बेताब हैं। भीड़ कंट्रोल में नहीं आ रही है। इसी बीच बताया गया है कि प्राण प्रतिष्ठा […]
लखनऊ। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की। इसके बाद से मंगलवार से भक्तों के लिए मंदिर खोल दिया गया है। रामलला की एक झलक देखने के लिए श्रद्धालु बेताब हैं। भीड़ कंट्रोल में नहीं आ रही है। इसी बीच बताया गया है कि प्राण प्रतिष्ठा की गई श्रीरामलला की नई मूर्ति को लोग बालक राम के नाम से जानेंगे।
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल रहे पुजारी अरुण दीक्षित ने जानकारी दी कि भगवान राम की मूर्ति का नाम बालक राम रखा गया है। इसका मुख्य कारण यह है कि वह एक बच्चे की तरह दिखते हैं और उनकी उम्र पांच साल है। बता दें कि अरुण दीक्षित काशी विश्वनाथ मंदिर के भी पुजारी हैं। उन्होंने कहा कि जब मैंने पहली बार मूर्ति देखी तो ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। आंखों से आंसू बहने लगे। उस समय जो अनुभूति हुई उसे शब्दों में बयान नहीं कर सकता।
22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने 84 सेकंड के शुभ मुहूर्त में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की। इस दौरान उनके साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल समेत मंदिर के पुजारी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने मंत्रोच्चारण और पूरे विधि-विधान से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की। 5 वर्षीय रामलला की छवि सभी को मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। उनकी आंखें मनमोहक, चेहरा मासूम है। रामलला के आभमंडल से सूर्य की भांति तेज दिखाई दे रहा। प्रभु की इस बाल छवि को देखकर रामभक्त भावुक नजर आये।