लखनऊ। रघुनंदन के अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू हो गया है। आज यानी बुधवार,17 जनवरी को अनुष्ठान का दूसरा दिन है। वहीं वाराणसी के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिल्पकार कुंज बिहारी सिंह ने सोने, चांदी और हीरे से अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति बनाई है। यह प्रतिकृति लोगों को काफी पसंद आ रही है।
108 दिनों में बनाया खास तोहफा
सोने, चांदी और हीरे से बने इस प्रतिकृति को लेकर कुंज बिहारी सिंह ने बताया कि यह भक्ति का मामला है, हर कोई भगवान राम के लिए कुछ करना चाहता था। मैंने इसे 108 दिनों में बनाया है। गुलाबी मीनाकारी शिल्प में सोने और चांदी का उपयोग किया जाता है, इसके लिए हीरे का भी उपयोग किया गया है।
रामलला की सोने की मूर्ति
बता दें कि राम मंदिर की प्रतिकृति का वजन लगभग 2.5 किलोग्राम है। यह 12 इंच ऊंची, 12 इंच लंबी और 8 इंच चौड़ी है। इसमें शीर्ष पर सोना, करीब डेढ़ किलो चांदी और बिना तराशा हुआ हीरा लगाया गया है। रामलला के मंदिर की प्रतिकृति का निर्माण 108 भागों से किया गया है। वहीं मंदिर की प्रतिकृति में रामलला की सोने की मूर्ति भी रखी गई है।
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