Monday, October 28, 2024

Munawwar Rana: अब सिर्फ यादों में मुनव्वर राणा, ये हैं उनकी बेहतरीन शायरी

लखनऊ। मशहूर शायर मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) का कल यानी 14 जनवरी को निधन हो गया। 71 वर्षीय राणा ने लखनऊ पीजीआई में अपनी अंतिम सांस ली। वो लंबे समय से बीमार थे और उनका इलाज रहा था। निधन की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक मुनव्वर राणा को शनिवार दोपहर पहला हार्ट अटैक आया था। रविवार की शाम को दूसरा और रात में तीसरी बार हार्ट अटैक आया। उनके निधन के बाद उन्हें चाहने वाले उनकी शायरियों को पढ़कर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। आइए जानते हैं मुनव्वर राणा के टॉप शायरियों को।

  1. जिस्म पर मिट्टी मलेंगे पाक हो जाएँगे हम
    ऐ ज़मीं इक दिन तेरी ख़ूराक हो जाएँगे हम
  2. किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
    मैं घर में सब से छोटा था मिरे हिस्से में माँ आई
  3. मौत उस की है करे जिस का ज़माना अफ़सोस,
    यूं तो दुनिया में सभी आए हैं मरने के लिए
  4. अपनी फजा से अपने जमानों से कट गया
    पत्थर खुदा हुआ तो चट्टानों से कट गया
  5. चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है
    मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है
  6. ऐ अंधेरे देख ले मुंह तेरा काला हो गया
    मां ने आंखें खोल दीं घर में उजाला हो गया।
  7. एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है
    तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना
  8. मिट्टी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता
    अब इस से ज़यादा मैं तेरा हो नहीं सकता
  9. तुम्हारी महफ़िलों में हम बड़े बूढ़े ज़रूरी है
    अगर हम ही नहीं होंगे तो पगड़ी कौन बँधेगा
  10. मिट्टी का बदन कर दिया मिट्टी के हवाले
    मिट्टी को कहीं ताज-महल में नहीं रक्खा
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