लखनऊ। Hit एंड Run कानून में संशोधन के खिलाफ निजी बस और ट्रक चालकों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। रामपुर में ट्रक और प्राइवेट बसों के चालकों ने प्रदर्शन किया। इसके चलते रोडवेज का संचालन भी पूरी तरह ठप हो गया है। इससे यात्री भटकने को मजबूर हैं। मुसाफिरों के लिए बना परेशानी […]
लखनऊ। Hit एंड Run कानून में संशोधन के खिलाफ निजी बस और ट्रक चालकों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। रामपुर में ट्रक और प्राइवेट बसों के चालकों ने प्रदर्शन किया। इसके चलते रोडवेज का संचालन भी पूरी तरह ठप हो गया है। इससे यात्री भटकने को मजबूर हैं।
रामपुर में वाहन चालकों की हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। मंगलवार को भी ट्रक ऑपरेटर्स और अन्य यूनियनों ने सरकार के हिट एंड रन कानून में बदलाव के खिलाफ विरोध जताया। इससे बसों का संचालन भी ठप हो गया। इससे साल का पहला दिन मुसाफिरों के लिए मुसीबत भरा रहा। रामपुर में चालकों ने हड़ताल का एलान करते हुए हाथ खड़े कर दिए। जिससे रामपुर रोडवेज डिपो का संचालन बंद हो गया।
ट्रक और अन्य निजी टेंपो और बस चालकों ने भी सरकारी कानून का विरोध करते हुए संचालन बंद रखा। कहीं-कहीं पर टेंपो और निजी वाहन चलते दिखाई दिए। जिन पर सवार होकर मुसाफिरों ने सफर तय किया। हिट एंड रन कानून को वापस लेने की मांग लेकर कई जगह मैजिक चालकों ने प्रदर्शन भी किया है। रामपुर में हिट एंड रन के नए कानून को लेकर पूरे प्रदेश में चालकों-परिचालकों का गुस्सा देखने को मिला है।
रोडवेज चालकों का कहना है कि रोडवेज कर्मी एक गरीब तबके में आते हैं। कोहरा और सर्दी के चलते दुर्घटनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में इस तरह का कानून किसी भी तरह चालकों के हित में नहीं है। ऐसे में रामपुर रोडवेज डिपो की बस नहीं निकली। बताया जा रहा है कि तीन जनवरी तक यह बसें यथावत खड़ी रहेंगी।
इतना ही नहीं टैंपो, मैजिक चालकों ने भी सवारियां बैठाने से इंकार कर दिया। इसके बाद मुसाफिरों ने जैसे-तैसे रेलवे स्टेशन की तरफ रुख किया। यहां रेलवे स्टेशन पर भी ट्रेन में सीटों के लिए काफी मगजमारी करनी पड़ी। रात भर मुसाफिर वाहन की खोज में दौड़ते रहे। इसके अलावा ट्रक चालकों के हाथ खड़े कर देने से व्यापार के लिए दिल्ली से सामान भी नहीं आ सका। ऐसे में व्यापारियों को भी तगड़ा झटका लगा है उनका काम स्ट्राइक के कारण काफी प्रभावित हुआ है।
रामपुर में रोडवेज डिपो को नए साल पर नौ लाख रुपये का झटका लगा है। रोडवेज का लक्ष्य नौ लाख रखा गया था, जिसमें आमदनी आठ लाख के करीब हो पा रही थी, लेकिन इस एक दिन का यदि पूरा लक्ष्य मानकर चलें तो नौ लाख रुपये का सीधा झटका रामपुर रोडवेज डिपो को मिला है। अभी अगले दो दिन और सेवाएं ठप रह सकती हैं।
बता दें कि हिट एंड रन का सीधा सा अर्थ है कि दुर्घटना के बाद ड्राइवर का गाड़ी के साथ मौके से भाग जाना। अगर किसी गाड़ी से किसी को टक्कर लग गई घायल की मदद करने के बजाय ड्राइवर गाड़ी को लेकर फरार हो जाता है तो ऐसे केस हिट एंड रन में गिने जाते हैं। हिट एंड रन के पुराने कानून के मुताबिक ऐसे मामलों में ड्राइवर को जमानत भी मिल जाती थी और अधिकतम 2 साल की सजा का प्रावधान था। कई बार हम देखते हैं कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अगर एक्सीडेंट करने वाला समय पर अस्पताल पहुंचा देता है तो उसकी जान बच जाती है। हालांकि, एक्सीडेंट के बाद मौके से भागने के केस को हिट एंड रन कहा जाता है। ऐसी ही केस में सख्ती का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार ने हाल ही में सड़क हादसों को रोकने के लिए हिट एंड रन कानून (Hit and Run Law) में बदलाव किया है। इस कानून के तहत हिट एंड रन मामले में चालकों के दोषी पाए जाने पर 10 साल का कारावास और 7 लाख रुपये जुर्माने के प्रावधान है। बस, ट्रक और ऑटो चालक इसी कानून के विरोध में हड़ताल पर उतर आए हैं।