लखनऊ। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर भारत की पहली शिक्षिका सावित्री बाई फूले के कथन का हवाला देते हुए एक पोस्टर लगाया गया है। इस पोस्टर को लेकर सियासत तेज हो गई है। प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इस पोस्टर को लेकर राजद पर निशाना साधा है।
गुलाम मानसिकता से मुक्ति
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए विपक्ष पर पलटवार किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि अयोध्या में बन रहा श्रीराम का भव्य मंदिर गुलामी से मुक्ति का भी मंदिर है। इसे लेकर भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने INDI गठबंधन पर हमला करते हुए कहा था कि वे लगातार सनातन पर हमला और हिंदू धर्म को अपमानित करने का काम कर रहे हैं। आज जब देश के करोड़ों लोग राम मंदिर जाने की तैयारी कर रहे हैं, उस मंदिर को गुलामी का प्रतीक बता रहे हैं जबकि मंदिर इस देश में जो सांस्कृतिक गुलामी थी उससे मुक्ति का प्रतीक है।
जानिए क्या है पोस्टर में
इस पोस्टर में भारत की पहली शिक्षिका सावित्री बाई फूले के कथन का हवाला देते हुए कहा गया है कि मंदिर मानसिक गुलामी का मार्ग होता है और स्कूल का मतलब है जीवन में प्रकाश का मार्ग। जब मंदिर की घंटी बजती है तो वो हमें यह संदेश देती है कि हम अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की तरफ बढ़ रहे हैं लेकिन जब स्कूल की घंटी बजती है तो इससे हमें यह संदेश मिलता है कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान, वैज्ञानिकता और प्रकाश की तरफ बढ़ रहे हैं। अब आपको तय करना है कि किस तरफ जाना चाहिए।