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Hit And Run Law: HIT एंड RUN कानून का यूपी के कई शहरों में विरोध, थमे लाखों ट्रकों-बसों के पहिए; यात्री परेशान

लखनऊ। केंद्र सरकार ने हाल ही में संसद में नया HIT एंड RUN विधेयक पास किया है। इस बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी भी मिल चुकी है। अब यह भारतीय न्याय संहिता के तहत नया कानून बन चुका है। हालांकि, इस नए कानून में जो प्रावधान जोड़े गए हैं, उन प्रावधानों का देशभर […]

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  • January 2, 2024 5:24 am IST, Updated 1 year ago

लखनऊ। केंद्र सरकार ने हाल ही में संसद में नया HIT एंड RUN विधेयक पास किया है। इस बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी भी मिल चुकी है। अब यह भारतीय न्याय संहिता के तहत नया कानून बन चुका है। हालांकि, इस नए कानून में जो प्रावधान जोड़े गए हैं, उन प्रावधानों का देशभर में विरोध हो रहा है।

नोएडा से लेकर बरेली तक विरोध

केंद्र सरकार के HIT एंड RUN कानून के विरोध में निजी बसों के संचालकों की 3 दिवसीय हड़ताल का ग्रेटर नोएडा में व्यापक असर दिखा। हड़ताल से लंबी दूरी के यात्री सबसे ज्यादा परेशान दिखे। ठिठुरन भरी ठंड में बस के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। बाराबंकी जिले में सोमवार को कई जगह ट्रक व अन्य वाहनों के चालकों ने सड़क पर प्रदर्शन किया। इस दौरान बाराबंकी बहराइच हाईवे आधा घंटे बाधित रहा। पुलिस ने 12 चालकों पर पाबंदी की कार्रवाई की है। वाहन चालकों ने बरेली-शाहजहांपुर हाईवे सहित शहर में कई जगह जाम भी लगाया। ईंधन व अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित रही। मंगलवार और बुधवार को भी चालक हड़ताल पर रहेंगे।

हड़ताल से लगभग करोड़ो का नुकसान

मुजफ्फरनगर में रोडवेज, ट्रक प्राइवेट बसों समेत करीब 6 हजार वाहनों के पहिए थम गए। ट्रांसपोर्ट, परिवहन निगम और प्राइवेट बसों को हड़ताल से लगभग डेढ़ करोड़ का नुकसान हुआ। प्राइवेट वाहनों के चालकों ने टेंपो, ई-रिक्शा को रोककर यात्रियों को उतार दिया। वहीं गाजीपुर में कानून के खिलाफ निजी बसों के चालक और परिचालक सोमवार को हड़ताल पर रहे। इससे 235 प्राइवेट बसों के पहिये थम गए। लंका बस स्टैंड पर प्राइवेट बसों के चालकों और परिचालकों ने प्रदर्शन किया।

फंसी रही आठ एंबुलेंस

स्ट्राइक के वजह से आमजन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यूपी के बस्ती जिले में हाईवे एवं विभिन्न मार्गों पर मरीजों को लेकर जा रही 8 एंबुलेंस फंस गई। आंदोलनकारियों ने एंबुलेंस को निकालने में कोई मदद नहीं की। बाद में यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस उच्चाधिकारियों को लोकेशन के साथ दी। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। तब जाकर एंबुलेंस को जाम से निकाला जा सका।

मथुरा में भी दिखा जमकर विरोध

मथुरा मे भी कानून का जमकर विरोध देखा गया। ट्रक चालकों ने आगरा-दिल्ली हाईवे की दोनों लेन पर जाम लगा दिया। करीब 5 घंटे तक भीषण जाम में फंसे निजी वाहनों में सवार लोग कराह उठे। नए कानून के विरोध में लखीमपुर व गोला डिपो, प्राइवेट व टूरिस्ट बसों को मिलाकर करीब 900 बसों के पहिए थमे रहे। इनमें लखीमपुर व गोला डिपो की बसों की संख्या 202 है।

सब्जी, दूध और फल की आपूर्ति पर पड़ेगा असर

सब्जी आढ़ती बाबूराम सैनी ने बताया कि सोमवार को सुबह दिल्ली से फल- सब्जी कम संख्या में आई है। मंगलवार को ट्रक और टेंपो चालकों की हड़ताल से दिल्ली और दूसरे राज्यों से फल सब्जी नहीं आएगी। जिससे रेट पर भी फर्म पड़ सकता है।

जानिए क्या होता है हिट एंड रन

बता दें कि हिट एंड रन का सीधा सा अर्थ है कि दुर्घटना के बाद ड्राइवर का गाड़ी के साथ मौके से भाग जाना। अगर किसी गाड़ी से किसी को टक्कर लग गई घायल की मदद करने के बजाय ड्राइवर गाड़ी को लेकर फरार हो जाता है तो ऐसे केस हिट एंड रन में गिने जाते हैं। हिट एंड रन के पुराने कानून के मुताबिक ऐसे मामलों में ड्राइवर को जमानत भी मिल जाती थी और अधिकतम 2 साल की सजा का प्रावधान था। कई बार हम देखते हैं कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अगर एक्सीडेंट करने वाला समय पर अस्पताल पहुंचा देता है तो उसकी जान बच जाती है। हालांकि, एक्सीडेंट के बाद मौके से भागने के केस को हिट एंड रन कहा जाता है। ऐसी ही केस में सख्ती का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार ने हाल ही में सड़क हादसों को रोकने के लिए हिट एंड रन कानून (Hit and Run Law) में बदलाव किया है। इस कानून के तहत हिट एंड रन मामले में चालकों के दोषी पाए जाने पर 10 साल का कारावास और 7 लाख रुपये जुर्माने के प्रावधान है। बस, ट्रक और ऑटो चालक इसी कानून के विरोध में हड़ताल पर उतर आए हैं।


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