लखनऊ। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज का दिन अहम होने वाला है। दरअसल ASI टीम थोड़ी देर में कोर्ट में जिला जज को सर्वे का रिपोर्ट सौंपेगी। सर्वे रिपोर्ट को लेकर दोनों पक्ष के अधिवक्ता कोर्ट पहुंच गए हैं। हिंदू पक्ष की वादिनी महिलाएं भी कोर्ट में मौजूद हैं। गौरतलब है कि वजूखाने को छोड़कर संपूर्ण परिसर का सर्वे का किया गया है। इससे पहले सर्वे की रिपोर्ट 11 दिसंबर को पेश होनी थी लेकिन किसी सीनियर अधिकारी के अस्वस्थ होने के कारण रिपोर्ट पेश नहीं की गई। कोर्ट ने इसके बाद 18 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने को कहा था। हालांकि कोर्ट ने बार-बार अतिरिक्त समय मांगने को लेकर ASI को फटकार भी लगाई थी।
इस वजह से हुई देरी
बता दें कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को 17 नवंबर तक रिपोर्ट देना था लेकिन उसकी तरफ से प्रार्थना पत्र देकर 15 दिनों का अतिरिक्त मांगा गया। एएसआई ने प्रार्थना पत्र में कहा कि ज्ञानवापी में हुए सर्वे की रिपोर्ट अभी तैयार नहीं हुई है। सर्वे में इस्तेमाल किए गए अत्याधुनिक ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार यानी जीपीआर तकनीक के आंकड़ों को रिपोर्ट में शामिल करने में समय लग रहा। इसके बाद न 30 नवंबर और न 11 दिसंबर को रिपोर्ट पेश हो पाई।
मस्जिद पक्ष ने जताई थी आपत्ति
वहीं इस मामले में मस्जिद पक्ष ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि एएसआई को पहले ही रिपोर्ट देने के लिए पर्याप्त समय मिल चुका है इसलिए और वक्त देना ठीक नहीं है। न्यायालय के आदेश पर एएसआई की टीम ने पूरे ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक विधि से सर्वे किया हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सील किये गए वजू खाने को छोड़ दिया गया। बता दें कि इससे पहले एएसआई ने आर्कियोलॉजिस्ट सर्वे, फोटोग्राफर व अन्य तकनीकी विशेषज्ञों के उपलब्ध डेटा का विश्लेषण करके रिपोर्ट तैयार कर उसे दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय मांगा था।