लखनऊ। यूपी के अयोध्या (Ayodhya) में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रण पत्र भेजना शुरू कर दिया गया है। इसी बीच बताया जा रहा है कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नवनिर्मित राममंदिर में रामलला की नई मूर्ति की पहली आरती पीएम मोदी उतारेंगे।
प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में 150 वैदिक आचार्य मौजूद रहेंगे।
आचार्यों की टोली का चयन
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने जानकारी दी कि काशी के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती के मार्गदर्शन में आचार्यों की टोली का चयन किया गया है। काशी के वैदिक विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित इसमें प्रमुख आचार्य रहेंगे। उनके साथ डेढ़ सौ पंडितों मौजूद रहेंगे जो विभिन्न पारायण, पाठ और यज्ञ आदि करेंगे। 17 जनवरी को रामलला की अचल मूर्ति की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। जिसके बाद राम जन्मभूमि परिसर में इसे स्थापित किया जायेगा। उसके बाद 18 जनवरी से पूजन, अर्चन और अनुष्ठान की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
सभी नगर निकायों में रामधुन का आयोजन
मालूम हो कि राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन कराया जायेगा। इसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। संस्कृति विभाग की तरफ से सारे कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। इसके लिए योगी सरकार 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी। रामोत्सव में सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड, इंडोनेशिया, नेपाल, कंबोडिया आदि की राममंडलियों को निमंत्रण भेजा गया है। उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक रामचरण पादुका यात्रा और झांकियां निकाली जायेंगी। प्रदेश के सभी 826 नगर निकायों में प्रतिदिन रामधुन का आयोजन किया जायेगा।