लखनऊ। बसपा अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर तंज कसा है। बाबा साहब की जयंती पर उन्होंने कहा कि देश के 81 करोड़ से ज्यादा लोगों को सरकारी अनाज का मोहताज बना देनाआजादी के बाद का सपना तो नहीं था। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा संविधान बनाते समय बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने भी नहीं सोचा था।
81 करोड़ से अधिक ग़रीब
बसपा प्रमुख ने एक्स पर लिखा है कि लगभग 140 करोड़ की विशाल आबादी वाले भारत के ग़रीबों, मज़दूरों, दलितों, आदिवासियों, अतिपिछड़ों सहित उपेक्षित बहुजनों के मसीहा व देश के मानवतावादी समतामूलक संविधान के निर्माता भारतरत्न परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को आज उनके परिनिर्वाण दिवस पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित। किंतु देश के 81 करोड़ से अधिक ग़रीब लोगों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न के मोहताज का जीवन बना देने जैसी दुर्दशा ना यह आज़ादी का सपना था और ना ही उनके लिए कल्याणकारी संविधान बनाते समय बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने सोचा था।
आमदनी अठन्नी भी नहीं पर खर्चा रुपया
मायावती ने आगे लिखा कि स्थिति अति-दुःखद है। देश में रोटी-रोज़ी के अभाव एवं महंगाई की मार के कारण आमदनी अठन्नी भी नहीं पर खर्चा रुपया होने के कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित सभी मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त व चिन्तनीय है जबकि संविधान को सही से लागू करके उनकी हालत अब तक काफी संवर जानी चाहिए थी।