Sunday, November 24, 2024

लोकसभा चुनाव से पहले एक हुए अखिलेश-मायावती! केंद्र से बसपा प्रमुख ने की बड़ी मांग

लखनऊ। संसद के शीतकालीन सत्र से पहले बहुजन समाज पार्टी( BSP) प्रमुख मायावती व समाजवादी पार्टी(SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एक साथ बीजेपी के खिलाफ आ गए हैं। दरअसल यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सपा मुखिया जिन मुद्दों को लेकर सदन में बीजेपी पर भड़के हुए थे। उन्हीं मुद्दों को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने केंद्र को घेरा है।

बीजेपी की बढ़ेगी टेंशन

पूर्व सीएम मायावती की इस मांग से लोकसभा चुनाव के पहले यूपी में भाजपा की टेंशन बढ़ सकती है। बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी जातीय सर्वे की मांग उठ रही है। बीते दिनों अखिलेश यादव ने भी यूपी विधानसभा में जातीय जनगणना कराने की मांग रखी। अब इस पर बसपा प्रमुख मायावती ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करके केंद्र से मांग रखी है।

जातीय जनगणना की मांग

बसपा नेता ने एक्स पर लिखा कि संसद के आगामी 4 दिसंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक में बीएसपी द्वारा सरकार से देश में जातीय जनगणना कराए जाने की मांग पुनः की गयी। अब जबकि इसकी मांग देश के कोने-कोने से उठ रही है, केन्द्र सरकार द्वारा इस बारे में अविलम्ब सकारात्मक कदम उठाना जरूरी।

अपराधों पर पर्दा डालने में व्यस्त कांग्रेस

उन्होंने आगे लिखा कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था से त्रस्त व जातिवादी शोषण-अत्याचार से पीड़ित देश के लोगों में जातीय जनगणना के प्रति जो अभूतपूर्व रुचि/जागरूकता है वह भाजपा की नींद उड़ाए है तथा कांग्रेस अपने अपराधों पर पर्दा डालने में व्यस्त है।

लोगों का हक सुनिश्चित करें सरकार

बसपा प्रमुख ने कहा कि वैसे विभिन्न राज्य सरकारें ’सामाजिक न्याय’ की दुहाई देकर आधे-अधूरे मन से जातीय जनगणना कराकर जनभावना को काफी हद तक साधने का प्रयास कर रही हैं, किन्तु इसका सही समाधान तभी संभव है जब केन्द्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर सही जातीय जनगणना कराकर लोगों को उनका हक देना सुनिश्चित करेगी।

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