लखनऊ। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट आज यानी 28 नवंबर को वाराणसी के जिला न्यायालय में पेश होनी थी। हालांकि एक बार फिर से एएसआई की टीम ने सर्वे रिपोर्ट को पेश करने के लिए तीन हफ्ते का समय मांगा है। मालूम हो कि 100 दिनों के सर्वेक्षण रिपोर्ट की समय सीमा आज […]
लखनऊ। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट आज यानी 28 नवंबर को वाराणसी के जिला न्यायालय में पेश होनी थी। हालांकि एक बार फिर से एएसआई की टीम ने सर्वे रिपोर्ट को पेश करने के लिए तीन हफ्ते का समय मांगा है। मालूम हो कि 100 दिनों के सर्वेक्षण रिपोर्ट की समय सीमा आज समाप्त हो रही है। अदालत द्वारा रिपोर्ट दाखिल करने की जो समय-सीमा तय की थी उसकी मियाद पूरी हो गई। पिछली सुनवाई के दौरान एएसआई को दस दिनों का और समय दिया गया था।
बता दें कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को 17 नवंबर तक रिपोर्ट देना था लेकिन उसकी तरफ से प्रार्थना पत्र देकर 15 दिनों का अतिरिक्त मांगा गया। एएसआई ने प्रार्थना पत्र में कहा कि ज्ञानवापी में हुए सर्वे की रिपोर्ट अभी तैयार नहीं हुई है। सर्वे में इस्तेमाल किए गए अत्याधुनिक ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार यानी जीपीआर तकनीक के आंकड़ों को रिपोर्ट में शामिल करने में समय लग रहा।
वहीं इस मामले में मस्जिद पक्ष ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि एएसआई को पहले ही रिपोर्ट देने के लिए पर्याप्त समय मिल चुका है इसलिए और वक्त देना ठीक नहीं है। न्यायालय के आदेश पर एएसआई की टीम ने पूरे ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक विधि से सर्वे किया हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सील किये गए वुज़ू खाने को छोड़ दिया गया। बता दें कि इससे पहले एएसआई ने आर्कियोलॉजिस्ट सर्वे, फोटोग्राफर व अन्य तकनीकी विशेषज्ञों के उपलब्ध डेटा का विश्लेषण करके रिपोर्ट तैयार कर उसे दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय मांगा था।