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Uttarkashi Tunnel Updates: PMO के पूर्व सलाहकार ने साझा की महत्वपूर्ण जानकारी, अभी लगेंगे 12-14 घंटे

Uttarkashi Tunnel: उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुंरग में 41 मजदूर फंस हुए हैं। बता दें कि आज रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 12वां दिन है। सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए लगातार रेस्क्यू का काम चल रहा है। गुरुवार सुबह थोड़ी देर के लिए काम प्रभावित हुआ था, हालांकि दिल्ली से एक्सपर्ट्स के […]

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Uttarkashi Tunnel
  • November 23, 2023 7:13 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

Uttarkashi Tunnel: उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुंरग में 41 मजदूर फंस हुए हैं। बता दें कि आज रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 12वां दिन है। सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए लगातार रेस्क्यू का काम चल रहा है। गुरुवार सुबह थोड़ी देर के लिए काम प्रभावित हुआ था, हालांकि दिल्ली से एक्सपर्ट्स के आने के बाद काम दोबारा शुरू हो गया।

भास्कर खुल्बे ने दी जानकारी

इसी बीच प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने बताया कि अभी मजदूरों को बाहर आने में 12-14 घंटे लगेंगे। पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि उत्तरकाशी टनल में बचाव के लिए लगे कर्मियों को ड्रिलिंग पूरी करके श्रमिकों तक पहुंचने में 12-14 घंटे और लगेंगे।

मजदूरों के लिए तैयार है टीम

वहीं NDRF के DG अतुल करवाल ने बताया कि NDRF सामने आने वाली सभी स्थितियों के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हमने विशेष उपकरण भी तैयार किए हैं ताकि जैसे ही रास्ता खुलेगा, हम उन्हें (मजदूरों को) जल्द से जल्द बाहर निकाल पाएंगे। यह उम्मीद है कि हम जल्द ही श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लेंगे। इसके अलावा सिल्क्यारा रेस्क्यू पर उत्तरकाशी के एसपी अर्पण यदुवंशी ने कहा कि हमारी योजना तैयार है। हमने मजदूरों को कहां ले जाना है, कैसे ले जाना है, इसके बारे में सब कुछ तैयारी कर ली है। हमने ग्रीन कॉरिडोर भी बना लिया है।

मजदूरों तक पहुंचाया गया खैनी और ताश

इस बीच मौके पर मौजूद चिकित्सक डॉ. प्रेम पोखरियाल ने बताया, सुरंग में फंसे होने के दौरान मजदूरों में तनाव पैदा हो सकता है। उन्हें तनाव से बाहर निकालने के लिए खेल में बिजी रखना बेहतरीन तरीकों में से एक हैं। जिसके बाद उन्हें ताश के पत्ते पहुंचाए गए हैं। यही नहीं प्रशासन की ओर से बिहार, झारखंड और यूपी के लोगों के बीच भारी मात्रा में इस्तेमाल होने वाली खैनी भी मजदूरों तक पहुंचाई गई है।


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