Thursday, November 21, 2024

Halal Product Ban: AIMPLB ने हलाल प्रोडक्ट बैन पर दी कड़ी प्रतिक्रिया, सरकार को बताया इस्लामों फोबिया से ग्रसित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश मे हलाल उत्पादों में सरकार ने बैन की कार्यवाई की थी। जिसके बाद से कानपुर में फ़ूड डिपार्टमेंट काफी एक्टिव नज़र आ रहा है। बताया जा रहा है कि फ़ूड डिपार्टमेंट ने कानपुर के जेड स्क्वायर मॉल में बने नामचीन कम्पनी के स्टोर में छापेमारी की कार्यवाई की है। वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, हलाल सर्टिफिकेट पर लगी पाबंदी का विरोध करने की तैयारी में है। इस बीच AIMPLB के संस्थापक सदस्य मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि हलाल प्रोडक्ट पर लगा बैन मौलिक अधिकारों के खिलाफ है।

हलाल प्रोडक्ट पर बैन लगाने का विरोध

इस दौरान AIMPLB के संस्थापक सदस्य मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि सरकार ने इस्लामोफोबिया के चलते हलाल प्रोडक्ट्स पर बैन लगाया है। उन्होंने हलाल प्रोडक्ट पर बैन लगाने की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। हलाला प्रोडक्ट पर बैन के बाद अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड हाईकोर्ट में अपील दायर करेगा। सुलेमान ने यह भी कहा की देश में प्रोडक्ट में हलाल लिखने पर बैन लगाया गया है, लेकिन निर्यात करने वालों को लिखे जाने की छूट है। ऐसे में टेरर फंडिंग की बात की जाए तो प्रोडक्ट को निर्यात करने वाले इसमें फायदा उठा सकते हैं, लेकिन जो चीज देश के अंदर बिकती हैं, उनमें हलाल लिखे जाने पर बैन लगाना बहुत बेपरवाह फैसला है।

हलाल लिखे जाने से किसी तरह नुकसान नहीं- सुलेमान

यही नहीं मोहम्मद सुलेमान ने आगे कहा कि विदेश में संविधान के मुताबिक सभी को यह आजादी है कि उसे क्या खाना है और क्या पहनना है। इसके बाद भी इस तरह के फैसले और खाने-पीने के समान पर इस तरह से एक विषय बनाकर प्रतिबंध लगाना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी प्रोडक्ट पर हलाल लिखे जाने से प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं होता। इसके बाद भी इस तरह का प्रोपेगेंडा बनाकर बेवजह हलाल लिखे जाने का मुद्दा खड़ा किया जा रहा है।

‘सरकार इस्लामों फोबिया से ग्रसित है’

इसके अलावा मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि इस तरह से किसी प्रोडक्ट पर बैन लगाना सही नहीं है। सरकार के पास इसके लिए कानूनी रास्ता है कि उसके खिलाफ मुकदमा किया जाए ना की बैन लगाएं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस तरह से एक खास विचारधारा के विपरीत काम करने का काम कर रही है। लगता है कि सरकार इस्लामों फोबिया से ग्रसित है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का लीगल पैनल इस मामले पर चर्चा करेगा, यही नहीं अगर जरूरत पड़ी तो कोर्ट में भी जाएंगे।

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