लखनऊ। सीतापुर जेल में बंद सपा के दिग्गज नेता आज़म खान के करीबियों पर हो रहे आयकर छापे में बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि रामपुर में होने वाले विकास कार्यों का सरकारी पैसा जौहर विवि पर खर्च किया गया। दरअसल रामपुर में जौहर विवि के पीछे स्थित झील के सौंदर्यीकरण और पिकनिक स्पॉट के लिए सरकारी विभाग द्वारा टेंडर जारी किया गया था। यह टेंडर पूर्व मंत्री आजम खां के करीबी को मिला। इस टेंडर का अधिकांश बजट जौहर विवि के निर्माण कार्य में खर्च कर दिया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि सरकारी काम अधूरा रह गया।
रडार पर आज़म खान
आयकर छापे में आजम के करीबियों द्वारा की गई कई तरह की वित्तीय अनियमितताओं का पता चला है। विभाग के अधिकारियों को शक है कि आज़म खान ने सरकारी काम दिलाने के बदले यह रकम वसूली की थी। इसके अलावा जौहर विश्वविद्यालय में विधायक एवं सांसद निधि के इस्तेमाल में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां मिली हैं। 6 ठेकेदार आयकर विभाग के निशाने पर हैं। इस सभी को तलब किया गया है। वहीं राजधानी लखनऊ में भी आज़म खान के पांच करीबी आयकर विभाग के रडार पर है।
जेल में बंद हैं आज़म खान
मालूम हो कि जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है। रविवार को आज़म खान को रामपुर से सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया। तीनों को अलग-अलग जेलों में बंद किया गया है। आजम खान सीतापुर जेल में बंद हैं तो वहीं उनकी पत्नी रामपुर की जेल में जबकि उनका बेटा हरदोई की जेल में बंद हैं।
100 से अधिक केस दर्ज
बता दें कि आज़म खान सपा की सरकार में मिनी सीएम कहलाये जाते थे। बीजेपी की सरकार आते ही वो अपने विरोधियों के निशाने पर आये और अब कई केसों में घिर चुके हैं। पूर्व मंत्री आज़म खान के ऊपर 100 से ज्यादा केस दर्ज हैं। कई मामलों में तो कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। इससे पहले हेट स्पीच और छजलैट प्रकरण में उन्हें सजा मिल चुकी हैं। वहीं हेट स्पीच के एक मामले में उन्हें अदालत ने बरी कर दिया है, जिसे लेकर सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दायर किया है।