Friday, November 22, 2024

Azam Khan: आजम खान से क्यों नहीं मिल पाए अजय राय? जेलर ने बताई बड़ी वजह

घबराई सत्ता ने हम सभी को मुलाक़ात करने से रोक दिया। साज़िश के तहत एक जनप्रिय नेता को जेल में रखना कतई उचित नहीं है। हम सभी सत्ता के ऐसे षड्यंत्रों का मुंहतोड़ ज़वाब देने के लिए कटिबद्ध हैं।

लखनऊ। यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय आज सपा के दिग्गज नेता आजम खान से मिलने सीतापुर जेल पहुंचे। हालांकि जेल प्रशासन ने उन्हें आज़म खान से मिलने की अनुमति नहीं दी। इसे लेकर कांग्रेस नेता बीजेपी सरकार पर भड़क गए और जमकर खरी-खोटी सुनाई। अजय राय ने कहा कि आजम खान पर सरकार अन्याय कर रही है। जेल प्रशासन ने मुझे उनसे मिलने नहीं दिया। इस मामले में अब जेल अधीक्षक ने सफाई दी है।

इस वजह से मिलने से रोका

दरअसल, जेल अधीक्षक की तरफ से कहा गया है कि आजम खान किसी भी नेता से नहीं मिलना चाहते हैं। जेलर ने बताया कि आज आज़म खान से मिलने उनकी बहन और बेटा अदीब आया हुआ था। जेल के नियमों के मुताबिक 15 दिन में दो बार कैदी को मुलाकात का मौका होता है। इस वजह से उनके परिवार के अलावा किसी और को उनसे मिलने नहीं दिया जायेगा।

हर सुख-दुख में रहेंगे साथ

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि उनकी पार्टी आजम खान के परिवार के साथ है और हर सुख-दुख में साथ में खड़ी रहेगी। वहीं जिला कारागार के बाहर कांग्रेसियों ने सरकार विरोधी नारेबाजी भी की। अजय राय ने अपने एक्स हैंडल पर भी सरकार के खिलाफ हमला बोला। उन्होंने कहा कि हम सत्ता के ऐसे षड्यंत्रों का मुंहतोड़ ज़वाब देंगे।

घबराई सत्ता ने हमें रोका

अजय राय ने लिखा है कि आज जिला कारागार, सीतापुर में निरुद्ध जनाब आज़म खान साहब से मुलाक़ात करने के लिए हम सभी कांग्रेसजन वहां पहुंचे। किंतु घबराई सत्ता ने हम सभी को मुलाक़ात करने से रोक दिया। साज़िश के तहत एक जनप्रिय नेता को जेल में रखना कतई उचित नहीं है। हम सभी सत्ता के ऐसे षड्यंत्रों का मुंहतोड़ ज़वाब देने के लिए कटिबद्ध हैं। हम उनके लिए फलों की टोकरी लेकर गए थे अब पता नहीं प्रशासन उसे उन तक पहुंचाएगा या नहीं। ये हमारी तरफ से उनके लिए प्यार का तोहफा था।

सपा-कांग्रेस समर्थन में

मालूम हो कि जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है। रविवार को आज़म खान को रामपुर से सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया। ऐसे में आज़म खान की मौजूदगी से आसपास के मुस्लिम प्रभावित हो सकते हैं। सपा के पक्ष में मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है। ऐसे में सपा खुलकर आज़म खान के सपोर्ट में आ गई है।

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