लखनऊ। प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं सपा नेता आजम खान के 45 साल पुराने सियासी करियर पर अब ग्रहण लग गया है। दरअसल बेटे अब्दुल्ला आज़म के दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में पति-पत्नी और बेटे तीनों को 7 साल की सजा सुनाई गई है। वहीं आज़म खान के जेल जाते ही गुरुवार को आयकर विभाग […]
लखनऊ। प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं सपा नेता आजम खान के 45 साल पुराने सियासी करियर पर अब ग्रहण लग गया है। दरअसल बेटे अब्दुल्ला आज़म के दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में पति-पत्नी और बेटे तीनों को 7 साल की सजा सुनाई गई है। वहीं आज़म खान के जेल जाते ही गुरुवार को आयकर विभाग की टीम ने जौहर यूनिवर्सिटी पर फिर से छापा मारा। बताया जा रहा है कि आयकर टीम ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के साथ मिलकर इसलिए छापा मारा ताकि जौहर यूनिवर्सिटी में बने भवनों का सटीक मूल्यांकन हो सके। इस दौरान टीम ने यूनिवर्सिटी परिसर की हर चीज को बारीकी से जांचा-परखा।
सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग के अधिकारियों ने जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचकर सर्वेक्षण किया। इसका मुख्य उद्देश्य आजम और उनके परिवार के खिलाफ कथित कर चोरी की जांच करना है। ऐसा माना जा रहा है कि यूनिवर्सिटी में बने भवनों की जितनी कीमत बताई गई है, उसकी वास्तविक कीमत उससे कई गुना ज्यादा है। तह तक जाने के उद्देश्य से आयकर टीम यूनिवर्सिटी परिसर में गुरुवार देर रात तक सक्रिय रही। उन्होंने कार्यालय में रखे दस्तावेजों को स्कैन किया।
बता दें कि आज़म खान सपा की सरकार में मिनी सीएम कहलाये जाते थे। बीजेपी की सरकार आते ही वो अपने विरोधियों के निशाने पर आये और अब कई केसों में घिर चुके हैं। पूर्व मंत्री आज़म खान के ऊपर 100 से ज्यादा केस दर्ज हैं। कई मामलों में तो कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। इससे पहले हेट स्पीच और छजलैट प्रकरण में उन्हें सजा मिल चुकी हैं। वहीं हेट स्पीच के एक मामले में उन्हें अदालत ने बरी कर दिया है, जिसे लेकर सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दायर किया है।