लखनऊ। नोएडा के चर्चित निठारी कांड पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया। वहीं इस फैसले से पीड़ितों के परिजन नाराज है। उनका कहना है कि इस हत्याकांड के 17 साल बाद भी इंसाफ नहीं मिल पाया। इस हत्याकांड की शिकार महिलाओं, बच्चों […]
लखनऊ। नोएडा के चर्चित निठारी कांड पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया। वहीं इस फैसले से पीड़ितों के परिजन नाराज है। उनका कहना है कि इस हत्याकांड के 17 साल बाद भी इंसाफ नहीं मिल पाया। इस हत्याकांड की शिकार महिलाओं, बच्चों और बच्चियों के परिजन हाईकोर्ट द्वारा मुख्य आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को बरी करने के आदेश से काफी आहत हैं।
पीड़ित परिवार वालों का कहना है कि आरोपी पैसे वाले हैं और ताकतवर है। इस वजह से उन्हें इंसाफ नहीं मिल पाया है। निठारी कांड में जान गंवाने वाली एक लड़की के पिता का कहना है कि सुरेंद्र कोली ने पुलिस के सामने बच्चियों की हत्या और रेप करने की बात मानी थी फिर भी उसे बरी कर दिया गया है। हालांकि पीड़ित परिवार वालों का कहना है कि इंसाफ नहीं मिलने तक ये जंग जारी रहेगी।
बता दें कि साल 2006 में नोएडा के निठारी गांव की एक कोठी में नरकंकाल मिला था। साथ ही घर के पास के नाले से बच्चों के कंकाल बरामद हुए थे। इस कांड में लापता लड़की मिलने के मिलने के बाद तहलका मच गया। पुलिस ने खोजबीन में नालों से शरीर के अंगों वाले पैकेट बरामद किये थे। इन अवशेषों को अपराधियों ने नाले में फेंक दिया था। आरोपियों पर आरोप था कि वो कोठी के पास से गुजरने वाले बच्चों को बहला-फुसलाकर ले जाता था और उसका यौन शोषण करता था। इसके बाद उनके शवों को पानी में फेंक देता था। गांव के लोगों का कहना था कि यहां से बच्चों के शरीर को अवैध रूप से बेचते थे।