लखनऊ। रामपुर के चर्चित कारतूस कांड का 13 साल बाद फैसला आया है। 13 साल की सुनवाई और 9 गवाहों की गवाही के बाद इस कांड के 24 दोषियों को 10-10 साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही सभी आरोपियों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। मामले की जानकारी देते हुए सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रताप सिंह मौर्य ने कहा कि सभी दोषियों पर समान रूप से सजा चलेगी।
लगा था ये आरोप
मालूम हो कि जिन लोगों को सजा सुनाई गई है उनमें 20 पुलिस पीएसी और सीआरपीएफ के जवान हैं जबकि 4 सिविलियन शामिल हैं। सभी 24 दोषियों को अदालत ने गुरुवार को दोषी करार दिया था। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने सरकारी कारतूस, मैगजीन, खोखा और हथियारों के पुर्जे अवैध रूप से बेचने के लिए चोरी की थी। इनके ऊपर इन हथियारों को नक्सलियों को भी सप्लाई करने का आरोप लगा था।
मामले में दोषी जवान
- विनोद पासवान
- विनेश कुमार
- दिनेश कुमार
- वंशलाल
- अखिलेश पांडेय
- राम कृपाल सिंह
- नाथीराम सैनी
- राम कृष्ण शुक्ल
- अमर सिंह
- बनवारी लाल
- राजेश कुमार सिंह
- राजेश शाही
- अमरेश कुमार
- विनोद कुमार सिंह
- जितेंद्र सिंह
- सुशील कुमार मिश्र
- ओम प्रकाश सिंह
- लोकनाथ
- मनीष कुमार राय
- रजयपाल सिंह