लखनऊ। उत्तर प्रदेश के देवरिया के फतेहपुर गांव में हुए सामूहिक हत्याकांड मामले में अब सबकी नजर बुलडोजर कार्रवाई पर टिकी हुई है। हालांकि यह कार्रवाई कब होगी कैसे होगी इसका अभी पता नहीं चल पाया है। प्रशासन के अधिकारी आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाने की राह से रोड़ा हटाने में जुटे हुए हैं। कहीं पर कोई चूक न हो इस वजह से अफसर फूंक-फूंककर अपना कदम रख रहे हैं। यही वजह है कि सोमवार को लोगों के दबाव के बाद फिर से जमीन की पैमाइश करनी पड़ी थी।
पत्नी ने जताया विरोध
दरअसल दूसरी बार हुए पैमाइश में भी प्रेमचंद यादव का मकान सरकारी जमीन पर ही पाया गया है। राजस्व विभाग की 20 सदस्यीय टीम ने गांव में सरकारी जमीनों की पैमाइश कर अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है। जिसके बाद अब कभी भी बुलडोजर चल सकता है। वहीं प्रेम यादव की पत्नी ने जमीन मापी का विरोध किया है। उन्होंने गलत मापी का आरोप लगाते हुए मकान का बैनामा होने का दावा किया और कहा कि प्रशासन की तरफ से उनसे कोई बात नहीं की गई है।
राजनीतिक दलों की टिकी है निगाहें
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक मामला संवेदनशील होने की वजह से सभी कागजी प्रक्रियाएं पूरी होने में समय लग रहा है। साथ ही राजनीतिक दलों की निगाहें भी बुलडोजर की कार्रवाई पर है। इस कारण भी अधिकारी सावधानी बरत रहे हैं। बताया जा रहा है कि सभी घरों में महिलाएं और बच्चें हैं तो ऐसे में उन्हें वहां से हटाना भी बड़ी जिम्मेदारी है।
जानिए पूरा मामला
बता दें कि पूरा मामला देवरिया जिले में रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव का है। जहां 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन सुबह-सुबह जमीन विवाद में पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या कर दी गई। जिसके बाद गुस्साएं मृतक पक्ष के लोगों ने दूसरे पक्ष के घर में घुसकर पति, पत्नी और तीन नाबालिग बच्चों की निर्मम हत्या कर दी। इस घटना में एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसका अभी इलाज चल रहा है।