लखनऊ। उत्तर प्रदेश के देवरिया से 2 अक्टूबर को दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। जहां जिले के रुद्रपुर कोतवाली के फतेहपुर गांव में पुरानी रंजिश के चलते छह लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी है। वहीं इस घटना में मारे गए प्रेम चंद यादव को लेकर इलाके में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। उसके बारे में ऐसा बताया जा रहा है कि जमीनों की खरीद-फरोख्त में सक्रिय होने की वजह से वह हमेशा विवादों में रहता था। इसके लिए वह धन-बल के साथ-साथ सियासी संपर्क का इस्तेमाल करता था।
सरकारी जमीनों पर कब्ज़ा
इस हत्याकांड के बाद उसके द्वारा कब्जे में लिए गए कई जमीनी मामले सामने आये हैं। बताया जा रहा कि उसने कई महंगी जमीनों को दबंगई दिखा कर कम दाम में खरीदा। गांव वालों के मुताबिक प्रेम यादव ने शहर के रुद्रपुर मोड़ स्थित तीन कट्ठा विवादित जमीन खरीदी थी और इसे लेकर पंचायत भी हुई थी। उसके ऊपर एक सरकारी शिक्षण संस्थान व ग्राम सभा की जमीन पर कब्जा कर आलीशान भवन खड़ा करने का आरोप है। कहा जा रहा कि जिला पंचायत सदस्य रहते हुए उसने गांव की करीब एक एकड़ सरकारी जमीन पर कब्ज़ा किया था।
सपा से जुड़ते ही शुरू किया जमीन का धंधा
दरअसल फतेहपुर गांव के अभयपुर टोला निवासी प्रेम यादव की राजनीतिक पैठ अच्छी थी। सपा से जुड़ने के बाद वह एक बार जिला पंचायत सदस्य चुना गया और उसी मां ग्राम प्रधान रह चुकी हैं। राजनीतिक पकड़ बढ़ने के बाद वह जमीन के धंधे में लग गया। इसी कड़ी में उसने गांव के ही लेहड़ा टोला निवासी सत्यप्रकाश दूबे के भाई ज्ञानप्रकाश दूबे के हिस्से की 9 बीघा जमीन अपने नाम करा ली थी। जो इस भीषण नरसंहार का वजह बना। जानकारी के मुताबिक जमीन कब्जे के खेल में राजस्व कर्मियों की भी मिलीभगत है।