लखनऊ। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के आमंत्रण पर आज सुबह 10 बजे संतों का जत्था रामजन्मभूमि परिसर में पहुंचा। इस दौरान 400 से अधिक संत-धर्माचार्यों ने राममंदिर निर्माण की कार्यगती को देखी। रामजन्मभूमि परिसर से प्रगति देखकर लौटे संतों के चेहरे पर संतोष का भाव नजर आ रहा था। मंदीर की भवन निर्माण कार्य को देखकर आए साधू- संत जय श्री राम के नाम का उद्घोष कर रहे थे। संत मंदिर की भव्यता से काफी उत्साहित नजए आए. संतों का कहना है कि मंदिर के भवन में अयोध्या की मर्यादा और संस्कृति झलक रही है।
दुनिया के चुनिंदा मंदिरों में से एक होगा राममंदिर
राममंदिर भवन का निर्माणगती को देखने के लिए महंत देवेंद्रप्रसादाचार्य, जगद्गुरू डॉ़ राघवाचार्य, जगद्गुरू श्रीधराचार्य, महंत करुणानिधान शरण, महंत रामकुमार दास, मुख्य ग्रंथि ज्ञानी गुरूजीत सिंह, पुजारी रमेश दास, ज्योतिषाचार्य पंडित कौशल्यानंदन, महंत शशिकांत दास, महंत जनार्दन दास, महंत गिरीश दास, आचार्य राधेश्याम शास्त्री पहुचे थे. इस दौरान सभी संत मंदिर निर्माण का साक्षी बनकर अभिभूत नजर आए। मंदिर परिसर में ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र, गोपालजी व शरद शर्मा ने संतों का स्वागत किया। यह अद्भुत और दुनिया के चुनिंदा मंदिरों में से एक होगा।
22 जनवरी को होगी रामलला की प्राण प्रतीष्ठा
जानकारी के मुताबिक 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतीष्ठा की जाएगी। रविवार को मंदिर निर्माण का साक्षी बनने के बाद कई संतों ने एकसाथ मिलकर हुंकार भरा कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्राण प्रतिष्ठा व पूजा पद्धति तैयार करने वाली संतों की टीम का हिस्सा महंत डॉक्टर रामानंद दास बोले कि 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी तो पूरा देश राममय होगा। वहीं नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने भी इसी तिथि पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि समारोह की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इसके अलावा कई अन्य संतों ने भी इसी तिथि पर राममंदिर के उद्घाटन की बात कही। हालांकि अभी तक ट्रस्ट ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह की औपचारिक तिथि का ऐलान नहीं किया गया है।