Friday, September 20, 2024

महिला आरक्षण पर अखिलेश यादव बोले- लैंगिक,सामाजिक न्याय का हो संतुलन

लखनऊ। आखिरकार आज सदन में महिला आरक्षण बिल पेश हो गया। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया। इसके तहत महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। बता दें कि नये संसद भवन में केंद्र सरकार ने पहला बिल पेश किया। जिसे ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ नाम दिया गया। इस बिल से लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत सीटें मिलने का प्रावधान है। इसी बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस बिल पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

अखिलेश का आया बयान

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए। इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए। मालूम हो कि इससे पहले बसपा प्रमुख मायावती ने इस बिल पर अपना रुख स्पष्ट किया था।

मायावती ने क्या कहा?

मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उम्मीद है कि इस बार यह बिल पास हो जायेगा जो कि लंबे समय से टलता आ रहा है। अगर महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण दिया जाता है तो पार्टी उसका समर्थन करेगी। BSP प्रमुख ने कहा कि उन्होंने महिला आरक्षण बिल को हमेशा समर्थन दिया है इसके साथ-साथ यह भी कहा है कि महिलाओं को जो भी आरक्षण दिया जाता है, उनमें से SC/ST/OBC वर्गों की महिलाओं का कोटा अलग से सुरक्षित करना चाहिए।अगर ऐसा नहीं हुआ तो इन वर्गों के साथ नाइंसाफी होगी और अगर ऐसा नहीं भी हुआ तब भी BSP पार्टी आज पेश होने वाले महिला आरक्षण बिल का समर्थन करेगी।

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