लखनऊ। यूपी विधानसभा में आज सलिल विश्नोई के विशेषाधिकार हनन मामले में 6 पुलिसकर्मियों को सजा सुनाई गयी है। ये सभी पुलिसकर्मी आज विधानसभा में पेश हुए थे। इन सभी पुलिसकर्मियों को रात 12 बजे तक के कारावास की सजा सुनाई गयी है। मामले को लेकर स्पीकर सतीश महाना ने कहा कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उदहारण बनेगा।
सुरेश खन्ना ने रखा था विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव
बता दें कि यूपी सरकार के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने एक दिन पहले शून्य काल के दौरान 2004 में कानपुर घटना को लेकर विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव को विधानसभा में पास कर दिया गया। संसदीय मंत्री सुरेश खन्ना ने विशेषाधिकार हनन से संबंधित प्रस्ताव रखते हुए कहा कि यूपी विधानसभा के सदस्य रहे सलिल बिश्नोई ने तब कानपुर के बाबूपुरवा सीओ और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभद्रता और गाली गलौज कर अपमानित करने को लेकर शिकायत की थी।
12 बजे रात तक लॉकअप में रहेंगे पुलिसकर्मी
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस मामले में अपना निर्णय सुनाते हुए कहा कि तत्कालीन कानपुर नगर के क्षेत्राधिकारी बाबू पुरवा अब्दुल समद, तत्कालीन थाना प्रभारी थाना किदवई नगर कानपुर नगर ऋषि कांत शुक्ला तत्कालीन काका देवा उपनिरीक्षक त्रिलोकी सिंह, कांस्टेबल छोटे सिंह, विनोद मिश्रा एवं कांस्टेबल मेहरबान यादव को विधानसभा स्थित लॉकअप में आज रात 12 तक रखा जाएगा।
जानिए क्या था मामला
वर्ष 2004 में सपा के कार्यकाल के दौरान बिजली कटौती को लेकर सतीश महाना कानपुर में धरने पर बैठे थे। उस समय उनके समर्थन में गए सलिल बिश्नोई पर पुलिस लाठीचार्ज ने लाठीचार्ज किया था। जिसमें उनका पैर फ्रैक्चर हो गया। इस वजह से सलिल बिश्नोई महीनों तक बिस्तर पर पड़े रहे।