लखनऊ। उम्र कैद की सजा काट रहे प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी एवं उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को जेल से रिहा कर दिया गया है। गौरतलब है कि ये दोनों पति-पत्नी मधुमिता शुक्ला हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे थे लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन्हें रिहा कर दिया गया है। इस मामले में कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है।
बीजेपी असल में गुनहगार
कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने अमरमणि त्रिपाठी रिहाई मामले में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि BJP सिर्फ बेटी बचाओ का नारा देती है। असल में ये सब असली गुनहगार हैं। भाजपा की सफाई मशीन से सब साफ हो रहे हैं।
क्या है मधुमिता शुक्ला हत्याकांड?
9 मई 2003 को लखनऊ के निशातगंज स्थित पेपर मिल कॉलोनी में इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। मशहूर कवयित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड ने उस समय की यूपी की तत्कालीन बसपा सरकार को हिला दिया था। बताया जाता है कि जांच के दौरान मधुमति शुक्ला और अमरमणि त्रिपाठी के बीच प्रेम-प्रसंग का मामला निकल कर सामने आया था। उस समय अमरमणि त्रिपाठी बसपा के कद्दावर नेताओं में शुमार थे। देहरादून की फास्ट ट्रैक अदालत ने 24 अक्टूबर 2007 को अमरमणि, उनकी पत्नी मधुमणि, भतीजा रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को दोषी करार ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।