लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 3 अगस्त यानी कि आज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी कि ASI को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने की अनुमति दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी जिला कोर्ट का फैसला बरकरार रखते हुए सर्वे जल्द शुरू करने को कहा है। वहीं इस मामले में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का बयान सामने आया है।
मंदिर तोड़ने का सच आयेगा सामने
HC के फैसले पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा है कि हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत है। ASI सर्वे में सच्चाई सबके सामने आयेगी। उम्मीद है सर्वे से सच सामने आयेगा। इस सर्वे से मंदिर तोड़ने का सच भी सामने आयेगा।
सर्वे जरुरी
बता दें कि 21 जुलाई को वाराणसी जिला जज ने ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे करने का आदेश दिया था। जिसके बाद मुस्लिम पक्ष ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट और फिर हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती दी थी। वहीं अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा है कि न्यायहित में ASI सर्वे जरुरी है।
शृंगार गौरी मामले में जनहित याचिका दायर
वहीं दूसरी तरफ ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायलय में बुधवार को एक नयी जनहित याचिका दायर की गयी। जिसमें शृंगार गौरी की नियमित पूजा की अनुमति मांगी गयी है। इस याचिका में हिंदुओं के प्रतीक चिह्नों को संरक्षित करने और गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की अपील की गयी है। जनहित याचिका में कहा गया है कि जब तक ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले में फैसला नहीं आ जाता है तब तक गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित किया जाये।