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जानिए IPS प्रभाकर चौधरी की पूरी कहानी, 8 साल में 18 बार हुआ ट्रांसफर

लखनऊ। यूपी में रविवार को कुछ आईपीएस अधिकारों का ट्रांसफर किया गया। जिसमें IPS प्रभाकर चौधरी का नाम सुर्ख़ियों में है। बरेली में कांवड़ियों पर हुए लाठीचर्ज के कुछ घंटों के बाद ही प्रभाकर चौधरी का ट्रांसफर कर दिया गया। 2010 बैच के IPS प्रभाकर चौधरी अपनी ईमानदार छवि के लिए जाने जाते हैं। अपने […]

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  • July 31, 2023 8:15 am IST, Updated 2 years ago

लखनऊ। यूपी में रविवार को कुछ आईपीएस अधिकारों का ट्रांसफर किया गया। जिसमें IPS प्रभाकर चौधरी का नाम सुर्ख़ियों में है। बरेली में कांवड़ियों पर हुए लाठीचर्ज के कुछ घंटों के बाद ही प्रभाकर चौधरी का ट्रांसफर कर दिया गया। 2010 बैच के IPS प्रभाकर चौधरी अपनी ईमानदार छवि के लिए जाने जाते हैं। अपने 13 साल की सेवा के दौरान उनका 21 बार ट्रांसफर हुआ है।

4 महीने पहले बने थे बरेली के कप्तान

बरेली में कांवड़ियों पर हुए लाठीचार्ज के 5 घंटे बाद ही उन्हें बरेली के एसएसपी पद से हटा दिया गया और उनकी जगह एसपी सुशील घुले चंद्रभान को बरेली का नया SSP बनाया गया। प्रभाकर चौधरी के तबादले को नवादा में हुए कांवड़ यात्रा के बवाल से जोड़कर देखा जा रहा है। आईपीएस प्रभाकर चौधरी को 4 महीने पहले ही बरेली का पुलिस कप्तान बनाया गया था। वहीं अब उन्हें 32वीं पीएसी लखनऊ भेजा गया है।

ललितपुर में हुई थी पहली पोस्टिंग

प्रभाकर चौधरी मूलरूप से अंबेडकरनगर के निवासी है। बेसिक ट्रेनिंग करने के बाद उन्होंने अंडर ट्रेनिंग एएसपी के रूप में नोएडा में ज्वाइन किया था। इसके बाद वो आगरा, जौनपुर और वाराणसी के एएसपी और कानपुर नगर के एसपी सिटी तक रहे। जिले के कमान संभालने की बात करे तो उनकी पहली पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के ललितपुर में हुई। जनवरी 2015 में उन्हें ललितपुर का एसपी बनाया गया। 11 महीने तक वो ललितपुर के एसपी रहे। यहां से हटाने के बाद वो इंटेलिजेंस मुख्यालय में तैनात किए गये।

अब तक इतने तबादले

13 जनवरी, 2016 को प्रभाकर चौधरी देवरिया के पुलिस कप्तान बनाये गये। जहां वो 18 अगस्त 2016 तक तैनात रहे। देवरिया के बाद बलिया के कप्तान बनाये गये जहां पर मात्र 2 महीने तक रहे। बलिया के बाद कानपुर देहात के कप्तान बने। वहां से मात्र 5 महीने में उनका तबादला यूपी एटीएस में हो गया। इसके बाद 24 सितंबर, 2017 को बिजनौर जिले का कप्तान बने। जहां से उनका ट्रांसफर मथुरा कर दिया गया। मथुरा में प्रभाकर चौधरी स्थानीय नेताओं की आंखों में खटकने लगे।

उंभा कांड के बाद मिली सोनभद्र की कमान

मथुरा से सीतापुर भेजे गये। सीतापुर में प्रभाकर चौधरी को बुलंदशहर भेजा गया। वहां से इन्हें 2 महीने में ही हटा दिया गया और एसपी जीआरपी झांसी बनाये गये। सोनभद्र में हुए उंभा कांड के बाद जब वहां की कानून व्यवस्था बिगड़ने लगी तो सरकार ने प्रभाकरचौधरी के हाथों में जिले की कमान सौंप दी। वर्ष 2019 में प्रभाकर चौधरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का एसएसपी बनाया गया। वाराणसी के बाद मुरादाबाद के कप्तान बने फिर वहां से हटाकर मेरठ की जिम्मेदारी दी गयी। इनके अब तक की सेवा में मेरठ ही एकमात्र जिला है जहां वो एक साल तक तैनात रहे।


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