लखनऊ। भारत में प्रतिदिन लाखों लोग ट्रेन से सफर करते हैं। भारतीय ट्रेनों में लोगों की काफी भीड़ रहती है। इस दौरान अक्सर लोग अपने सामान या पैसा चोरी की शिकायत करते हैं। इसी कड़ी में ट्रेन यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। SC ने कहा है कि यदि यात्रा के दौरान यात्री का पैसा या सामान चोरी हो जाता है तो इसे रेलवे की सेवाओं में कमी के रूप में नहीं देखा जायेगा।
अपने सामान की सुरक्षा खुद करें
जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने उपभोक्ता फोरम के फैसले को रद्द करते हुए कहा अगर यात्री अपने सामान की सुरक्षा खुद नहीं कर पाता है तो इसके लिए रेलवे को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। कोर्ट ने कहा यात्री के पास से एक लाख रुपए चोरी होना रेलवे की ओर से सेवा में कमी नहीं कही जा सकती है।
जानिए क्या है मामला
दरअसल पूरा मामला 2005 का है। एक यात्री एक लाख रुपए अपने साथ लेकर यात्रा कर रहा था। ट्रेन यात्रा के दौरान यात्री के पास से एक लाख की नकदी की चोरी हो गई। इसके खिलाफ उसने उपभोक्ता फोरम में शिकायत की थी। जिसपर सुनवाई करते हुए उपभोक्ता फोरम ने यात्री को एक लाख रुपए क्षतिपूर्ति के रूप मे रेलवे द्वारा दिए जाने का का फैसला सुनाया था।
SC ने जताया ताज्जुब
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम समझ नहीं पा रहे हैं कि जब यात्री अपनी चीजों की हिफाजत खुद नहीं कर पा रहे हैं तो ऐसे में चोरी होने पर रेलवे की ओर से सेवाओं में कमी कैसे कही जा सकती है। मालूम हो कि कपड़ा व्यापारी सुरेंद्र भोला अप्रैल 2005 को काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस ट्रेन से नई दिल्ली जा रहे थे। उन्होंने अपने कमर से 1 लाख रुपये बांध रखे थे। अगली सुबह जब वो उठे तो किसी ने 1 लाख रुपये चोरी कर ली थी।