लखनऊ। माफिया डॉन मुख़्तार अंसारी का करीबी संजीव जीवा बुधवार 7 जून को लखनऊ कोर्ट में मारा गया।लखनऊ अदालत परिसर में वकील की लिबास में पहुंचे हमलवार विजय यादव ने सरेआम गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। संजीव जीवा पूर्व विद्युत मंत्री और बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में शामिल था। इस घटना के बाद ब्रह्मदत्त द्विवेदी का नाम चर्चा में है। बता दें कि ब्रह्मदत्त द्विवेदी का नाम यूपी बीजेपी के क़द्दावर नेताओं में शामिल था।
गेस्ट हाउस कांड में बने थे मायावती के रक्षक
ब्रह्मदत्त द्विवेदी पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी थे, दोनों के बीच अच्छी बनती थी। ब्रह्मदत्त द्विवेदी एक अच्छे कवि भी थे। यूपी सीएम के कुर्सी के दावेदार भी रह चुके हैं। 1995 में लखनऊ के गेस्ट हाउस कांड में उन्होंने बसपा सुप्रीमों मायावती की रक्षा की थी। वर्ष 1997 में माफिया मुख्तार अंसारी के सहयोगी संजीव जीवा ने उनकी हत्या कर दी थी। बसपा सुप्रीमों मायावती ब्रह्मदत्त द्विवेदी का काफी सम्मान करती थी। उन्होंने कहा था कि अगर बसपा यूपी में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार बनाती है तो वो सीएम के तौर पर सिर्फ ब्रह्मदत्त द्विवेदी के नाम पर मुहर लगाएंगी।
मिली थी उम्र कैद की सजा
बता दें कि ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या उस समय का काफी चर्चा में था। इस हत्याकांड की जांच सीबीआई ने की थी। लखनऊ की सीबीआई कोर्ट द्वारा जुलाई 2003 में गैंगस्टर संजीव जीवा और सपा के पूर्व विधायक विजय सिंह को इस मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। सपा के पूर्व MLA विजय सिंह इस मामले में बांदा जेल में सजा काट रहे है।