लखनऊ। गैंगस्टर संजीव जीवा हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपी विजय यादव के बयानों ने पुलिस को उलझा दिया है। जानकरी के मुताबिक नेपाल के जिस अशरफ ने विजय को जीवा को मारने की सुपारी दी थी वो माफिया अतीक अहमद का करीबी था। बाद में उसकी दोस्ती उमेश पाल से हो गई थी। शूटर विजय के इस बयान से पुलिस उलझन में आ गई है।
इस वजह से की थी संजीव की हत्या
कभी अतीक के करीबी रहे अशरफ ने बाद में उमेश पाल से नजदीकियां क्यों बढ़ाई। विजय को पूरी जानकरी नहीं है या फिर उसका बयान किसी साजिश का हिस्सा है। अभी कई ऐसे सवाल है जिसका जवाब यूपी पुलिस ढूंढ रही है। बता दें कि गुरुवार को जेल जाने से पहले विजय ने पुलिस को बताया था वो नेपाल गया था, जहां उसकी मुलाकत अशरफ से हुई थी। अशरफ का भाई लखनऊ की जेल में बंद है और उसे वहां संजीव जीवा परेशान कर रहा है। उसे मारने के लिये अशरफ ने 20 लाख की सुपारी दी थी।
साजिश की परते गहरी
बता दें कि जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया गया उससे तो स्पष्ट है कि साजिश बहुत गहरी है। असली साजिशकर्ता कौन है वहां तक पुलिस अभी नहीं पहुंच पाई है। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को भी इसी तरह से मारा गया था। माफिया ब्रदर्स हत्याकांड में मुख्य साजिशकर्ता कौन है उसका पता अभी एक नहीं चला है। 10 पुलिसकर्मियों की अभिरक्षा में संजीव लखनऊ कोर्ट लाया गया था। जिसमें से तीन को गोली लगी है। विजय यादव ने ट्रेंड शूटर की तरह संजीव जीवा को गोलियों से भून डाला था।