लखनऊ। गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा उसपर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। वहीं उसके भाई पर 2 बजे फैसला आएगा। बता दें कि कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई है। मुख्तार अंसारी बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ा हुआ था।
मालूम हो कि इस मामले में 15 अप्रैल को ही फैसला आना था। लेकिन न्यायाधीश के अवकाश में होने की वजह से फैसला नहीं आया। जिसके बाद 29 अप्रैल की तारीख तय की गई थी।
जानिए कैसे हुई थी हत्या
29 नवंबर 2005… गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद से तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय समेत 7 लोगों को गोलियों से छलनी-छलनी कर दिया गया था। इस घटना को एके-47 से अंजाम दिया गया था। बताया जाता है कि 400 राउंड से अधिक गोलियां चली थी। गाजीपुर जिले के गोडउर गांव में बारिश हो रही थी। शाम का समय था। कृष्णानंद राय पड़ोस के सियारी गांव जाने वाले थे। वहां पर आयोजित एक क्रिकेट टूर्नामेंट में उन्हें चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया गया था। पास के गांव में जाना है, ये सोचकर कृष्णानंद राय ने अपनी बुलेटप्रूफ गाड़ी घर पर ही छोड़ दी। ये फैसला उनके लिए जानलेवा साबित हुआ।
पोस्टमार्टम में निकली थी 67 गोलियां
कृष्णानंद राय के भाई रामनारायण राय ने कोर्ट में बताया था कि टूर्नामेंट का उद्घाटन करने के बाद शाम करीब चार बजे वापस लौट रहे थे। उनके साथ गनर निर्भय उपाध्याय, ड्राइवर मुन्ना राय, श्याम शंकर राय, अखिलेश राय, रमेश राय और शेषनाथ सिंह थे। सभी लोग कनुवान गांव की ओर जा रहे थे। तभी उनके सामने सिल्वर ग्रे कलर की एसयूवी आकर रुकी। उसमें से 7-8 लोग बाहर निकले और गोलियों की बरसात कर दी। बता दें कि जब कृष्णानंद राय का पोस्टमार्टम किया गया था, उनके शरीर में से 67 गोलियां निकली थीं।