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पाकिस्तान के साथ देने पर अलीगढ़ विश्वविद्यालय ने तुर्की से खत्म किए अपने रिश्ते, शैक्षिक संबंधों में आई खट्टास

लखनऊ। एएमयू ने तुर्की के साथ अपने सारे शैक्षिक संबंध को खत्म कर दिएहै। इसका कारण यह है कि तुर्की ने पाकिस्तान का सहयोग किया है। अब अलीगढ़ का ताला और हार्डवेयर तुर्की नहीं भेजे जाएंगे। यहां तक कितुर्की से आने वाले सेब से भी अब व्यापारी नहीं खरीदेंगे। वे तुर्की से आने वाले सेबों […]

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Aligarh University
  • May 17, 2025 1:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 hours ago

लखनऊ। एएमयू ने तुर्की के साथ अपने सारे शैक्षिक संबंध को खत्म कर दिएहै। इसका कारण यह है कि तुर्की ने पाकिस्तान का सहयोग किया है। अब अलीगढ़ का ताला और हार्डवेयर तुर्की नहीं भेजे जाएंगे। यहां तक कितुर्की से आने वाले सेब से भी अब व्यापारी नहीं खरीदेंगे। वे तुर्की से आने वाले सेबों का बहिष्कार करेंगे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का सहयोग करने पर एएमयू(अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय) ने यह फैसला लिया है।

एएमयू का तुर्की विश्वविद्यालय से संबंध नहीं

अलीगढ़ विश्वविद्यालय ने तुर्की के साथ अपने सभी शैक्षिक संबंध को समाप्त कर दिए हैं। अब एएमयू का तुर्की के किसी भी विश्वविद्यालय से कोई लेना-देना नहीं है। विवि प्रशासन ने विचार-विमर्श करने के बाद यह फैसला लिया है। बता दें कि एएमयू का तुर्की के साथ पुराना शैक्षिक संबंध रहा है, जो विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों से स्पष्ट है। बीते कुछ सालों में भारत-तुर्की के संबंधों पर केंद्रित सम्मेलन और कई संयुक्त शोध आयोजित कराए गए हैं। समय-समय पर एएमयू ने अपने परिसर में तुर्की के शोध विद्वानों और छात्रों का जोरदार स्वागत किया है। यहां पर उनके कई व्याख्यान और अन्य कार्यक्रम भी किए गए हैं। एएमयू ने भारत और तुर्की के बीच संवाद और समझ को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाई थी।

तुर्की भाषा कोर्स पर कोई प्रभाव नहीं

राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक अनुसंधान जैसे विषयों पर सम्मेलन और चर्चाएं आयोजित हुई थीं। इस्तांबुल के आयडिन विश्वविद्यालय और अंकारा स्थित अंकारा मेडिपोल विश्वविद्यालय में एएमयू के शिक्षक और छात्र दौरे पर जाते रहते हैं। यहां के शिक्षकों और छात्रों ने वहां के सम्मेलनों में कई बार हिस्सा भी लिया है, लेकिन अब यह सिलसिला खत्म हो गया है। वर्तमान में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का तुर्की के साथ किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं है। एएमयू के विदेशी भाषा विभाग में तुर्की भाषा का एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स संचालित है। वर्तमान स्थिति में इस कोर्स के संचालन पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह सिर्फ एक भाषा है, जिसे छात्र सीखते हैं।


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