Kanpur Hair Transplant Case: कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट कांड में एक और नया खुलासा हुआ है। दांतों की डॉक्टर ने 40 हजार में हेयर ट्रांसप्लांट किया था। पुलिस को दोनों मृतकों के परिजनों ने जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने दावा किया था कि सर्जरी के बाद घने बाल हो जाएंगे। Kanpur Engineer […]
Kanpur Hair Transplant Case: कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट कांड में एक और नया खुलासा हुआ है। दांतों की डॉक्टर ने 40 हजार में हेयर ट्रांसप्लांट किया था। पुलिस को दोनों मृतकों के परिजनों ने जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने दावा किया था कि सर्जरी के बाद घने बाल हो जाएंगे।
Kanpur Engineer Hair Transplant Death: कानपुर के कल्याणपुर के केशवपुरम की क्लीनिक में डॉ. अनुष्का तिवारी ने घने बाल करने का दावा कर 40 हजार रुपये में हेयर ट्रांसप्लांट किया था। यह जानकारी रावतपुर पुलिस को दोनों मृतक इंजीनियर के परिजनों से मिली है। अब पुलिस उनसे और तथ्य हासिल कर रही है।
गुरुवार को कन्नौज और उन्नाव के दो युवकों ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ शिकायत की है। प्रारंभिक जांच में डॉक्टर के पास सिर्फ बीडीएस की डिग्री होने की जानकारी मिली है। डीसीपी पश्चिम के मुताबिक इस डिग्री से हेयर ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सकता है।
हेयर ट्रांसप्लांट के बाद पनकी पावर हाउस के इंजीनियर विनीत दुबे और फर्रुखाबाद के इंजीनियर मयंक कटियार की मौत हो गई थी। विनीत दुबे की पत्नी जया ने रावतपुर थाने में डॉ. अनुष्का के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। उनके मुताबिक लाखों रुपये कीमत का ट्रांसप्लांट कुछ हजार रुपयों में किया गया। पति से इलाज से पहले ही नकद राशि ले ली गई थी।
दूसरे मृतक मयंक के परिजनों के अनुसार, डॉक्टर ने मयंक से 40 हजार रुपये ऑनलाइन मंगवाए थे। उसे काफी जटिल प्रक्रिया बताकर पांच घंटे तक सर्जरी की गई। डीसीपी पश्चिम दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि जांच में आरोपी महिला डॉक्टर के फरीदाबाद के कॉलेज से बीडीएस की डिग्री हासिल करने की जानकारी हुई है। इस डिग्री के आधार पर हेयर ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सकता है। डॉक्टर के घर पर ताला लगा है। उनकी गिरफ्तारी के लिए कई टीमें लगाई गई हैं।
केशवपुरम की क्लीनिक में हेयर ट्रांसप्लांट कराने वालों की संख्या और होने की संभावना है। कन्नौज निवासी जीत कुमार कटियार ने बताया कि वह अक्तूबर 2024 में मयंक कटियार के साथ डॉ. अनुष्का के क्लीनिक आए थे। उन्होंने वहां कुछ दिन अपना इलाज कराया। उनके माथे पर पहले संक्रमण हुआ और फिर सूजन आ गई थी।शिकायत करने पर क्लीनिक के स्टाफ ने इसे मामूली समस्या बता जल्दी ठीक होने की बात कह कर टरका दिया था। हालांकि समस्या ठीक नहीं हुई। संक्रमण की वजह से चेहरे को काफी नुकसान उठाना पड़ा। उन्नाव के अचलगंज निवासी राजेंद्र पाठक ने बताया कि विज्ञापन देखकर हेयर ट्रांस प्लांट क्लीनिक की जानकारी हुई थी।अगस्त 2024 में वह दोस्त विक्रम को लेकर क्लीनिक आए थे। डॉक्टर ने उन्हें हेयर ट्रांसप्लांट का पूरा पैकेज बताया। विक्रम का इलाज शुरू हुआ। 15 दिन के इलाज के बाद अचानक उसके सिर में संक्रमण शुरू हो गया। देखते ही देखते पूरे चेहरे पर संक्रमण फैल गया। विक्रम अब तक बिस्तर पर है।