बीएपी विधायक जयकृष्ण पटेल इस वक्त सुर्खियों में चल रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद से अवैध खनन मामला हर तरफ चर्चा में है। जयकृष्ण पटेल ने ही खान विभाग से जुड़े चार सवाल लगाए थे। बात यहीं खत्म नही होती है। लोकसभा, राज्यसभा में भी खान विभाग के मुद्दे गर्म रहे हैं। जानें पूरा […]
बीएपी विधायक जयकृष्ण पटेल इस वक्त सुर्खियों में चल रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद से अवैध खनन मामला हर तरफ चर्चा में है। जयकृष्ण पटेल ने ही खान विभाग से जुड़े चार सवाल लगाए थे। बात यहीं खत्म नही होती है। लोकसभा, राज्यसभा में भी खान विभाग के मुद्दे गर्म रहे हैं। जानें पूरा मामला।
राजस्थान में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन को रोकने के लिए सरकारी प्रयास भी काफी नहीं हैं । बड़ी बात यह है कि खनन माफिया के भी अलावा खान संचालक लीज क्षेत्र के आसपास ही अवैध खनन कर रहे हैं। विधानसभा में भी अवैध खनन की गूंज होती रहती है। विधायकों की ओर से सवाल भी खूब लगाए जा रहे हैं। बजट सत्र में ही खनन पर करीब 240 सवाल लगे। वहीं लोकसभा और राज्यसभा में 22 सवाल लगे।
विधानसभा में सवाल लगाने और वापस लेने के मामले रिश्वत को लेकर गिरफ्तार हुए बीएपी विधायक जयकृष्ण पटेल ने ही खान विभाग से जुड़े चार सवाल लगाए थे। लीज संचालक कितने बड़े स्तर पर अवैध खनन कर रहे होंगे इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले एक माह में खान संचालकों पर अवैध खनन करने के मामले में 300 करोड़ रुपए से भी अधिक की पेनल्टी लगाई जा चुकी हैं। भरतपुर जिले में ही 180 करोड़ रुपए की पेनल्टी खान संचालकों पर लग चुकी है।
240 – प्रश्न लगे
22 – ध्यानाकर्षण
07 – विशेष उल्लेख
4 सवाल – बीएपी विधायक पटेल ने खान विभाग से जुड़े लगे के विस में
2 सवाल – इनके बांसवाड़ा क्षेत्र से जुड़े सोने की खान और टीएसपी क्षेत्र में खनन पट्टों से संबंधित थे।सवाल की आड़ में घूस प्रकरण के बाद टोडाभीम अवैध खनन को लेकर चर्चा में।
टोडाभीम क्षेत्र से संबंधित तारांकित प्रश्न6284 – टोडाभीम के पहाड़ों पर खनन संबंधी।
6286 – टोडाभीम के ग्राम मोरड़ा, गढ़ी, कमालपुर, राजौली, धवान] गुढ़ाचंदजी इत्यादिक्षेत्रों के पहाड़ों पर अवैध खनन संबंध में।
खनन सम्बंधी प्रश्न
21 – लोकसभा
01 – राज्य सभा
विधायक जयकृष्ण पटेल ने विधानसभा में अभी तक कोई भी लिस्टेड सवाल वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र नहीं लगाया है। विधायक को विधानसभा की प्रश्न शाखा में सवाल वापस लेने का प्रार्थना पत्र देना होता है। यह प्रार्थना पत्र प्रश्न एवं संदर्भ समिति के पास जाता है। इस समिति की बैठक में सवाल वापस लेने पर चर्चा होती है और विधायक के अधिकार के अनुसार सवाल वापस लेने की अनुशंसा विधानसभा अध्यक्ष को की जाती है। अध्यक्ष की अनुमति के बाद ही सवाल वापस लिया जा सकता है। जिस विभाग का सवाल वापस लिया जाता है, उस विभाग को विधानसभा इसकी सूचना भी भेजती है।