लखनऊ। आज गुरु प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। यह व्रत भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए खास होता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक प्रदोष व्रत करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है, तो आइए जानते […]
लखनऊ। आज गुरु प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। यह व्रत भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए खास होता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक प्रदोष व्रत करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है, तो आइए जानते हैं गुरु प्रदोष व्रत से जुड़ी प्रमुख बातें।
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 54 मिनट से शुरू होगा। वहीं इसकी समाप्ति रात 09 बजकर 11 मिनट पर होगी। वहीं अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 52 मिनट पर आरंभ होगा, जो दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगा। रवि योग की बात करें तो दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से 11 अप्रैल सुबह 06 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
प्रदोष व्रत के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। पूजा के लिए भगवान शिव की प्रतिमा को स्थापित करें। पूजा स्थल और प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें। प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक करें। भगवान शिव को जनेऊ, अक्षत, चंदन, धतूरा, बेलपत्र, फूल, दीप और धूप अर्पित करें। भगवान शिव की आरती उतारें। उनके मंत्रों का जाप करें। प्रदोष व्रतकी कथा सुनें। भगवान शिव को खीर का भोग लगाएं। अगले दिन किसी जरूरतमंद को दान-दक्षिणा दें।
भगवान शिव को सात्विक भोजन का भोग लगाना चाहिए। भगवान शंकर को आप दूध से बनी मिठाई, फल, सूखे मेवे में भी चढ़ा सकते हैं। कुछ लोग इस दिन खासतौर पर जौ का सत्तू और घी का भोग लगाते हैं। कहा जाता है कि जो श्रद्धालु सच्ची श्रद्धा से शिव जी को भोग लगाते हैं, उनके घर की दरिद्रता खत्म हो जाती है। इस दिन खीर का भी भोग लगा सकते हैं, क्योंकि उन्हें खीर काफी प्रिय होती है।