लखनऊ। माफिया अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस की मौजूदगी में हत्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही कई याचिकाएं दायर हो चुकी हैं। वहीं अब इस मामले में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दाखिल की है।सरकार ने इस कैविएट के जरिए कहा है कि उन्हें सुने बिना इस मामले पर कोई आदेश पारित नहीं किया जाना चाहिए।
28 अप्रैल को आएगा फैसला
बता दें कि अतिरिक्त न्यायिक हत्या और मामले की न्यायिक जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर 28 अप्रैल को सुनवाई होनी है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट में अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए पूर्व जज की अध्यक्षता में एक कमेटी के गठन की मांग की गई थी। कोर्ट की तरफ से इस मामले को 28 अप्रैल के लिए लिस्ट करने का निर्देश दिया गया है।
क्या होती है कैविएट याचिका
कैविएट का अर्थ किसी व्यक्ति को सावधान करना होता है। इसका अर्थ अगर किसी व्यक्ति ने कोर्ट में कोई मामला दर्ज किया है। तो कोर्ट दूसरे पक्ष की सुनवाई के बिना किसी तरह का आदेश पारित ना करें। इस मामले में कोर्ट दूसरे व्यक्ति का पक्ष सुनने के बाद ही कोई फैसला कर सकती है।
अतीक की बहन की अर्जी पर सुनवाई
वहीं आज माफिया अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी की सरेंडर अर्जी पर भी सुनवाई होगी। सीजेएम कोर्ट में दोपहर के वक्त सुनवाई होगी। पुलिस को अपनी रिपोर्ट पेश करनी है, जिसके आधार पर ही कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। आपको बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी आयशा और शाइस्ता परवीन अब तक फरार है। पुलिस उसे पकड़ने में नाकाम रही है।