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आज है विजया एकादशी, जानें इसके शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और लाभ

लखनऊ। सनातन धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व होता है। चन्द्रमा की स्थिति के कारण व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्थिति खराब होती है। ऐसी दशा में एकादशी व्रत से चन्द्रमा के हर खराब प्रभाव को रोका जा सकता है। आज विजया एकादशी का पर्व है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता […]

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Vijaya Ekadashi
  • February 24, 2025 6:48 am IST, Updated 6 hours ago

लखनऊ। सनातन धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व होता है। चन्द्रमा की स्थिति के कारण व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्थिति खराब होती है। ऐसी दशा में एकादशी व्रत से चन्द्रमा के हर खराब प्रभाव को रोका जा सकता है। आज विजया एकादशी का पर्व है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।

विजया एकादशी के लाभ

वैसे तो हर एकादशी महत्वपूर्ण मानी जाती है, लेकिन विजया एकादशी अपने नाम के मुताबिक यह विजया एकादशी विजय दिलाने के लिए मनाई जाती है। इस एकादशी का व्रत करने से आप भयंकर विपत्तियों से राहत पा सकते हैं। बड़े से बड़े शक्तिशाली शत्रुओं को हराकर आगे बढ़ सकते हैं। पद्म पुराण के मुताबिक विजया एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती। व्रती को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत करने से जीवन में सफलता मिलती है।

विजया एकादशी का शुभ मुहूर्त

विजया एकादशी की तिथि 23 फरवरी को 1 बजकर 55 मिनट से शुरू होगी। जो 24 फरवरी यानी आज दोपहर 1 बजकर 44 मिनट पर जाकर समाप्त होगी। उदयातिथि के मुताबिक 24 फरवरी यानी आज ही विजया एकादशी मनाई जा रही है। 25 फरवरी सुबह 6 बजकर 50 मिनट से लेकर 9 बजकर 08 मिनट तक व्रत का पारण किया जाएगा। व्रत का पारण शुभ मुहूर्त पर ही करना चाहिए। आज व्रती व्रत रखेंगी और कल इसका पारण करेंगी।

एकादशी की पूजा विधि

एकादशी के दिन सुबह उठकर जल्दी स्नान कर लेना चाहिए। स्नान के बाद साफ कपड़ों को पहनना चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्थापित करना चाहिए। पीला चंदन, पीले फूल, लौंग सुपारी इत्यादि अर्पित करना चाहिए। प्रतिमा के सामने धूप या दीप जलाना चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु की आरती उतारनी चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु को पीली मिठाई का भोग लगाना चाहिए। सब लोगों में प्रसाद वितरित करना चाहिए।

ब्रह्माणों को दान दें

इस दिन एकादशी की कथा सुननी चाहिए। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की कथा सुनने से मन शांत होता है। कथा के समय मन ही मन विष्णु जी से अपनी समस्या को बताना चाहिए। कथा सम्पूर्ण होने पर श्रीविष्णु जी की आरती करें। ब्राह्मणों और जरूरतमंद लोगों को सामर्थ्य के मुताबिक दान-पून्य करें।


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