लखनऊ। योगी सरकार द्वारा यूपी बजट 2025 विधानसभा में पेश किया जा रहा है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में रामचरितमानस की चौपाई पढ़ते हुए बजट घोषणाएं करना शुरू किया. इस बार 8.5 लाख करोड़ रुपये के इस बजट में कई बड़े ऐलान किए जा रहे हैं. इसमें मध्यम वर्ग, युवाओं, किसानों और महिलाओं […]
लखनऊ। योगी सरकार द्वारा यूपी बजट 2025 विधानसभा में पेश किया जा रहा है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में रामचरितमानस की चौपाई पढ़ते हुए बजट घोषणाएं करना शुरू किया. इस बार 8.5 लाख करोड़ रुपये के इस बजट में कई बड़े ऐलान किए जा रहे हैं. इसमें मध्यम वर्ग, युवाओं, किसानों और महिलाओं के साथ-साथ राज्य के बुनियादी ढांचे और विकास पर विशेष जोर दिया गया है। वहीं, यूपी में पर्यटन, खासकर धार्मिक शहरों के लिए भी बड़ी घोषणाएं की जानी हैं।
इस दौरान वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करने से पहले शेर पढ़ा- अधूरी ख्वाहिशें जीने का मजा देती है, सब मांगें पूरी हो जाएंगी तो तमन्ना किसकी करोगे… -मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है। -राज्य सरकार ने 10 क्षेत्रों कृषि एवं संबद्ध सेवाएं, बुनियादी ढांचा, उद्योग, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शिक्षा, पर्यटन, शहरी विकास, वित्तीय सेवाएं, ऊर्जा, पूंजी निवेश आदि को चिन्हित कर क्षेत्रवार कार्ययोजना तैयार की है.
बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा गरीबों का जीवन पूरा उठाया।
प्रदेश का राजकोषीय घाटा बढ़ने नहीं दिया
हमने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना कर दिया
गरीबों का जीवन पूरा उठाया
बजट पढ़ते हुए वित्त मंत्री ने आगे कहा कि योगी सरकार में यूपी 1 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने का मकसद है। चिकित्सा के क्षेत्रों में विकास हुआ है। निवेश को आकर्षित कर रहे हैं। यूपी के प्रोडक्ट विदेश पहुंच रहे। उन्होंने आगे कहा “बजट में समाज के हर वर्ग- गरीब, मध्यम वर्ग, किसान, महिला, युवा और आम लोगों की जरूरतों को पूरा करने का प्रयास किया गया है। सही मायने में यह जनहित का बजट है।”
बता दें कि इस बार का बजट आकार 08 लाख 08 हजार 736 करोड़ 06 लाख रुपये है, जो वर्ष 2024-2025 के बजट से 9.8 प्रतिशत अधिक है. बजट में पूंजीगत परिव्यय कुल बजट का लगभग 20.5 प्रतिशत है. बजट में अवस्थापना विकास हेतु 22 प्रतिशत, शिक्षा हेतु 13 प्रतिशत, कृषि और सम्बद्ध सेवाओं हेतु 11 प्रतिशत, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में 6 प्रतिशत, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों हेतु 4 प्रतिशत एवं संसाधन आवंटित किये गये हैं.