लखनऊ। राजधानी नगर निगम में 85 से ज्यादा पार्षद विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में भाजपा, सपा और कांग्रेस के पार्षद शामिल हैं। सभी रैमकी कंपनी को ठेका देने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध होने पर महापौर सुष्मा खर्कवाल और नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह निगम मुख्यालय से चले गए। हंगामे से पहले सभी पार्षद, महापौर और नगर निगम अधिकारियों की साथ में बैठक चल रही थी।
मनमाने तरीके से टेंडर देने की बात
बैठक महापौर सुषमा खर्कवाल की ओर से आयोजित की गई थी। इस बीच पार्षदों ने रोड लेंथ ओर सर्वे प्रक्रिया पर सवाल किया। पार्षदों का दावा है कि महापौर ने रोड लेंथ का सर्वे कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद बैठक खत्म हुई, लेकिन पार्षदों की बात नहीं सुनी गई, जिस पर हंगामा शुरू हो गया। पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम के अधिकारी रैमकी के लिए एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। बैठक में 85 से ज्यादा पार्षदों ने साइन किया है। सभी ने रैमकी को मनमाने तरीके से टेंडर देने की बात मानी है।
बजट कम होने से डोर टू डोर कलेक्शन
सदन बुलाकर मामले में कार्यवाही की सहमति बनने पर लोग मुख्यालय से बाहर निकले। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि अभी फैसला होल्ड पर रहेगा। सदन में ही फैसला सुनाया जाएगा। तब तक पुराने ढंग से सफाई की व्यवस्था जारी रहेगी। पार्षद रोड लेंथ को लेकर मुख्य रूप से विरोध कर रहे हैं। महापौर सुषमा खर्कवाल ने कहा कि उसी बजट में सफाई होगी। रैमकी तैयार हो गई है। हमारा बजट पिछले बजट से कम है। डोर टू डोर अच्छा कलेक्शन कर रही है।
सदन में ठेका देने पर सदन में चर्चा हुई
हर कॉलोनी में आप बांग्लादेशियों से काम कराते थे। अब जब यह कंपनी काम कर रही है तो बांग्लादेशी क्यों काम करेंगे। रैमकी कंपनी को काम देना है। पार्षदों ने संयुक्त रूप से कहा कि 28 मार्च 2024 को सदन में चर्चा हुई थी। मेयर ने संकल्प लिया था कि पहले सड़कों की लम्बाई और चौड़ाई की नाप कर ली जाए। जिसमें सम्बन्धित पार्षदों के सुपर विजन में रैमकी कम्पनी के अधिकारी एस.एफ.आई और अवर अभियन्ता शामिल रहेंगे।