लखनऊ। प्रयागराज महाकुंभ के सेक्टर-17 में निर्मोही अनी अखाड़े से जुड़ा साईं मां आश्रम है। यह आश्रम शक्ति धाम नाम से भी जाना जाता है। इस आश्रम में 40 से ज्यादा देशों के भक्त हैं, नौ महामंडलेश्वर हैं। सभी सदस्य विदेशी हैं। एक को छोड़कर बाकी हिंदी नहीं जानते, लेकिन संस्कृत के श्लोक सभी को आते हैं।
विदेशी लोग कर रहे धर्म का प्रचार
इस आश्रम में कोई अमेरिका में डॉक्टर रहा, तो कोई जापान में शिक्षक। ये सभी अपने-अपने देशों में ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए सनातन धर्म का प्रचार करते हैं। विदेशी मूल के 6 महामंडलेश्वर भी हैं। आश्रम को भव्य तरीके से बनाया गया है। गेट और उसके आसपास साईं मां के पोस्टर लगाए गए हैं। आश्रम में विदेशी भक्तों का एक ग्रुप था। जो थोड़ी देर बाद गंगा स्नान के लिए निकल गया।
9 विदेशी शिष्यों को अखाड़े से जोड़ा
ग्रुप के सदस्यों से बात हुई तो पता चला की सभी महामंडलेश्वर भी गए हैं। इस दौरान हमने साईं मां और आश्रम के बारे में लोगों से जाना। विष्णु-स्वामी वंश के अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े से जुड़ी हैं। साल 2019 में साईं मां ने 9 विदेशी शिष्यों को अपने निर्मोही अनी अखाड़े से महामंडलेश्वर बनाया था। इसमें 3 महिला और 6 पुरुष शामिल हैं। सभी सनातन धर्म को स्वीकार कर चुके हैं और इसके प्रचार-प्रसार के काम में लगे हैं। इन्हीं में से एक है अनंत दास।
प्रयागराज कुंभ में संन्यास लिया
वह कहते हैं कि उन्होंने 2010 में यूएस की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में फाइनेंस की पढ़ाई की थी। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि जीवन में आगे क्या करना है, मैं अपने जीवन में उदास था। उस समय मुझे एक गुरु की जरूरत थी, तभी मुझे साई मां मिली। उनसे अनंत दास ने साधना, मंत्र और सत्संग करना सीखा। इसके बाद समझ आया कि सनातन ही सत्य है और इसे अपनाया जाए। साल 2013 में प्रयागराज कुंभ में संन्यास ले लिया।