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भगदड़ के बाद अमृत स्नान शुरू, पैदल चलकर साधु-संत पहुंचे संगम घाट

लखनऊ। महाकुंभ का आज यानी 29 जनवरी को17वां दिन है। मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं का दूसरा अमृत स्नान जारी है। भगदड़ के बाद जूना अखाड़ा, जगद्गुरु रामभद्राचार्य समेत कई महामंडलेश्वरों ने अपने रथ वापस लौटा दिए है। साधु-संत छोटे-छोटे जत्थे में अपने इष्टदेव के साथ सांकेतिक रूप में संगम में डुबकी लगा रहे हैं। स्नान […]

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Amrit bath started
  • January 29, 2025 9:19 am Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

लखनऊ। महाकुंभ का आज यानी 29 जनवरी को17वां दिन है। मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं का दूसरा अमृत स्नान जारी है। भगदड़ के बाद जूना अखाड़ा, जगद्गुरु रामभद्राचार्य समेत कई महामंडलेश्वरों ने अपने रथ वापस लौटा दिए है। साधु-संत छोटे-छोटे जत्थे में अपने इष्टदेव के साथ सांकेतिक रूप में संगम में डुबकी लगा रहे हैं।

स्नान के लिए पहुंच रहे साधु-संत

कुछ संत गाड़ियों में भी सवार होकर संगम में डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। रास्ते में RAF और पुलिस के जवानों को तैनात किया गया हैं। इससे पहले सुबह अखाड़ों के साधु-संत अमृत स्नान के लिए अपने शिविर से निकले थे। इस बीच, भगदड़ के बाद संगम पर हालात बेकाबू हो गए। प्रशासन ने तुरंत अखाड़ों से अपील की कि वह स्नान के लिए न जाएं। इसके बाद अखाड़े के साधु-संत अपने शिविर वापस लौट गए। शिविर पहुंचकर साधु-संतों ने बैठक की। पहले तय किया कि अखाड़ों के साधु-संत मौनी अमावस्या पर शाही स्नान नहीं करेंगे।

हेमा मालिनी से सुबह ही किया स्नान

अब स्थिति सामान्य हो गई है तो सीएम ने अखाड़ों से बात की। जिसके बाद सभी संत अमृत स्नान के लिए राजी हो गए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि ‘हम अपने देवता के साथ सांकेतिक रुप में अमृत स्नान करेंगे। हादसे की वजह से कोई बड़ा जुलूस नहीं निकालेंगे।’ भाजपा सांसद हेमा मालिनी, कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर संगम में डुबकी लगा चुके हैं। दोपहर 12 बजे तक 4.24 करोड़ लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई।

सभी को संगम में स्नान करना चाहिए

महाकुंभ मेले और प्रयागराज शहर में इस समय लगभग 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम तट पर मौजूद है। वहीं 28 जनवरी तक 20 करोड़ लोगों ने महाकुंभ के संगम में डुबकी लगा ली है। प्रशासन की कोशिश है कि आसपास के घाटों पर स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं को वापस भेजा जाए। महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम पर दूसरे अमृत स्नान पर एक साधु ने बताया कि इस पवित्र अवसर पर सभी को गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगानी चाहिए। कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं, जिसके कारण अव्यवस्था फैली है।


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