Thursday, January 30, 2025

महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद प्रशासन अलर्ट पर, स्थिति को किया जा रहा काबू

लखनऊ। महाकुंभ में भगदड़ मचने की खबर सामने आई है। भगदड़ में कई लोगों के मौत हो गई है। इस के बाद पूर्वांचल के कई जिलों से मुंगराबाद शाहपुर होकर प्रयागराज जाने वालों को सतहरिया में ही रोक दिया गया है। उनके वाहनों को बनाए गए ठहराव स्थल के साथ ही मुंगराबादशाहपुर में खड़ा कराया जा रहा है।

मुख्य द्वार पर बैरिकेडिंग की

इसके साथ ही जिला प्रशासन द्वारा कहा जा रहा है कि आप लोग यहीं रुके। लोगों के ठहरने और रहने-खाने की व्यवस्था की जा रही है। मेले में भगदड़ मचने के बाद रामबाग रेलवे स्टेशन पर तैनात पुलिसकर्मी अलर्ट हो गए हैं। दो मुख्य द्वारों में एक पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। सुबह तक सभी अधिकारी स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रित करने की कोशिश में लगे हैं। एयर एंबुलेंस के माध्यम से भी घायलों को अस्पताल पहुंचाने की जा रही है।

बॉर्डर के इलाकों में अधिकारी सक्रिय

मेला क्षेत्र में सक्रिय महाकुंभ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद, एडीजी जोन भानु भास्कर, कमिश्नर विजय विश्वास पंत, आइजी रेंज प्रेम गौतम, पुलिस कमिश्रर तरुण गाबा ने भगदड़ की खबर पाते ही पूरे प्रशासन को सक्रिय कर दिया है। घटना के बाद महाकुंभ में क्राउड डायवर्जन प्लान लागू कर दिया गया है। शहर के बाहर ही श्रद्धालुओं के जत्थों बाहर ही रोक दिया गया है। 10 से ज्यादा जिलाधिकारियों को क्राउड प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रयागराज के बॉर्डर के इलाकों में अधिकारियों को सक्रिय किया गया है।

भगदड़ घटना ने खड़े किए सवाल

पीडीडीयू जंक्शन पर प्रयागराज की तरफ जाने वाली ट्रेनों को रोक दिए जाने की सूचना है। सभी यात्रियों को प्लेटफार्म से बाहर जाने और ट्रेन पर न चढ़ने की सलाह दी जा रही है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए संगम जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर बैरिकेडिंग की गई है। श्रद्धालुओं को वैकल्पिक मार्गों से बाहर निकाला जा रहा है। भगदड़ घटना ने कुंभ मेले के आयोजन में सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े किए हैं।

धीरे-धीरे संगम की ओर बढ़े

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने इस अपील पर सहमति जताते हुए कहा, “हम प्रशासन का सहयोग करेंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। बार-बार माइक से अनाउंस किया जा रहा है कि श्रद्धालु अपने बच्चों को कंधे पर बैठा कर चलें, किसी को धक्का न मारें। धीरे-धीरे संगम की ओर बढ़ें।

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