Saturday, January 18, 2025

महाकुंभ में कारोबारियों की बल्ले-बल्ले, करोड़ों में हो रही कमाई

लखनऊ। यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ का आगाज हो चूका है। लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं महाकुंभ संगम में स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं 75 जिलों के कारीगरों और उद्यमियों को इससे रोजगार मिला है।

10 हजार को ऑर्डर छोटे कारीगरों को

केवल 45 दिन में 35 देशों के बराबर आबादी आकर्षित करने वाला यह धार्मिक महापर्व उद्योगों के लिए किसी दिवाली से कम नहीं है। 10 हजार करोड़ रुपये के ऑर्डर तो केवल छोटे कारीगरों को दिए गए हैं।

25 हजार करोड़ के राजस्व की संभावना

महाकुंभ के लिए राज्य सरकार का 7,500 करोड़ रुपये का बजट है। इस खर्च से लगभग 25 हजार करोड़ रुपये के राजस्व और 2 लाख करोड़ रुपये के कारोबार की संभावना है। महाकुंभ में जूता-चप्पल सिलने वाले कारीगर से लेकर हेलीकॉप्टर चलाने वाली कंपनी तक के लिए बंपर कमाई के रास्ते खुल गए है। इसके अतिरिक्त किराने के सामान से 4000 करोड़ रुपये, सब्जियों से 2200 करोड़, खाद्य तेल से 2500 करोड़, दूध और अन्य डेयरी उत्पाद से 4200 करोड़, हॉस्पिटैलिटी से 2500 करोड़ बिस्तर, गद्दे, चादर, तकिया और कंबल आदि से 900 करोड़, और कई अन्य क्षेत्रों से कम से कम 3000 करोड़ रुपये की कमाई होगी।

इन जिलों को मिला सीधा लाभ

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के यूपी प्रमुख महेंद्र गोयल के मुताबिक महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की बुनियादी जरूरत से जुड़ी चीजों से ही 17,310 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा। स्मॉल इंडस्ट्रीज एंड मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के मुताबिक कपड़े, पूजा सामग्री, रेडीमेड, स्मृति चिह्नों की खरीदारी में हस्तशिल्प और खाद्य पदार्थों का व्यापार काफी तेजी से फल-फूल रहा है। इनका लाभ हर जिले को हस्तशिल्पियों को मिल रहा है। कपड़े में गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, कानपुर, मिर्जापुर, बनारस और उन्नाव के कारीगरों और उद्यमियों को सीधा लाभ मिला है।

टेंट सिटी को भी मिला फायदा

स्वच्छता, भीड़ प्रबंधन, बिजली व पानी आपूर्ति और सुरक्षा व्यवस्था के क्षेत्र में कई जिले मालामाल किया है। जिनमें मेरठ, गोरखपुर, सीतापुर, हापुड़, कन्नौज, लखनऊ, इटावा और झांसी है। परिवहन, पर्यटन, पानी, पूजापाठ की सामग्री आदि ने वाराणसी, मथुरा, हरदोई, कानपुर सिटी, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात और बागपत को करोड़ों रुपये का रोजगार दिया है। प्रदेश के 82 बड़े ब्रांड्स और देश के 178 ब्रांड्स ने भी अस्थाई रूप से 9000 युवाओं को काम दिया है। टेंट सिटी ने स्थाई रूप से 2000 से ज्यादा रोजगार दिए हैं।

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