लखनऊ। सनातन परंपरा के सबसे बड़े आयोजन में अब शाही स्नान की जगह अमृत स्नान का इस्तेमाल किया जाएगा। संतों ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है। इसकी घोषणा स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की है। मुख्यमंत्री ने कहा, भारत और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी आस्था के इस महासमागम की साक्षी बनेगा। मुख्यमंत्री कल से 2 दिवसीय प्रयागराज दौरे पर हैं।
महाकुंभ में अमृत स्नान की दी जानकारी
आज दौरे के दूसरे दिन सीएम योगी ने एफएम रेडियो चैनल ‘कुंभवाणी’ की शुरूआत की। मुख्यमंत्री गुरुवार को दोपहर लगभग 2 बजे प्रयागराज आए थे। तैयारी की समीक्षा बैठक, अखाड़ों में संतों संग वार्ता और विभिन्न निर्माण कार्यों के उद्घाटन के बाद मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए। मुख्यमंत्री ने महाकुंभ की महत्ता के साथ भव्यता और दिव्यता की जानकारी दी। सीएम ने कहा, 45 दिनों का महापर्व 13 को पौष पूर्णिमा स्नान से शुरू होगा। छह प्रमुख स्नान होंगे। जिनमें मौनी अमावस्या, मकर संक्रांति और वसंत पंचमी के दिन अमृत स्नान होगा।
विकास और रोजगार का आधार तैयार
यह शाही स्नान था, जिसे अब संतों ने अपनी मान्यता देकर अमृत स्नान कर दिया है। सीएम ने कहा कि आस्था और आधुनिकता का महापर्व विकास और रोजगार का आधार भी तैयार करेगा। इस दौरान दो लाख करोड़ रुपये का आर्थिक विकास केवल प्रयागराज में किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, महाकुंभ में अकेले 20 से 25 लाख कल्पवासी होंगे, जो पूरे माघ महीने यहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर ही 8 से 10 करोड़ लोगों के अमृत स्नान करने की संभावना है। वसंत पंचमी पर भी 5-6 करोड़ लोग स्नान करेंगे।
धर्म जाति का भेद मिटाता है
मकर संक्रांति के मौके पर भी स्नान करने वालों की बड़ी संख्या होगी। मुख्यमंत्री शुक्रवार को भी प्रयागराज में मौजूद हैं। जहां उन्होंने आकाशवाणी के नए एफएम रेडियो चैनल ‘कुंभवाणी’ का शिलान्यास किया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ सनातन के गौरव का महाकुंभ है। जो लोग लोगों को जातियों में बांटना चाहते हैं, उन्हें देखना चाहिए कि कुंभ धर्म, जाति और लिंग का भेद मिटाता है। यहां दुनिया भर से आते हैं।