लखनऊ। प्रयागराज में जनवरी में महाकुंभ2025 मेला लगने जा रहा है। 13 जनवरी 2025 से लगने वाले दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक मेले में अब कई नामी बाबा पहुंचना शुरू हो गया है। ये बाबा मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे। वहीं हाथों में सोने का कंगन और हीरे से जड़ी घड़ी पहनने वाले पर्यावरण बाबा मेले में पहुंच गए हैं।
विदेशों से भी आएंगे श्रद्धालु
महामंडलेश्वर अवधूत बाबा का असली नाम अरुण गिरी महाराज है, लेकिन इन्हें एनवायरमेंट बाबा यानी पर्यावरण बाबा के नाम से जाना जाता है। जो अब तक देश भर में एक करोड़ पेड़-पौधे लगा चुके हैं। यह बाबा सभी को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हैं। यही वजह है कि इस बार कुंभ में बाबा अपने श्रद्धालुओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के साथ ही उनके पास आने वाले श्रद्धालुओं को गिफ्ट के तौर पर पौधे देंगे। संगम की रेती पर आयोजित होने वाले इस कुंभ में देश ही नहीं बल्कि विदेश से श्रद्धालु आएंगे।
साधुओं के अखाड़े का आना शुरू
12 साल में होने वाले धार्मिक आयोजन को “ग्रीन कुंभ” का स्वरूप दिया जा रहा है। कुंभ मेला 2025 की शुरुआत भले ही 13 जनवरी से होगी, लेकिन साधुओं का अखाड़े में आने का सिलसिला अभी से शुरू हो गया है। साथ ही अखाड़े ने छावनी प्रवेश भी आरंभ कर दिया है। वही अखाड़े की शान महामंडलेश्वर और तरह-तरह के साधु संत का आगमन भी जारी है। इन्हीं साधु संतो में शामिल महामंडलेश्वर अरुणगिरी महाराज भी है। महामंडलेश्वर अपने शरीर पर सोने से जड़े हुए आभूषण पहने दिखते हैं।
कई कीमती अंगूठिया है
एनवायरमेंट बाबा सोने की माला, अंगूठी और हीरे से जड़ी घड़ी पहने दिखेंगे। एक नजर देखने से ऐसा लगता है कि एनवायरमेंट बाबा ही गोल्डन बाबा हैं। प्रयागराज में जनवरी 2025 से कुंभ मेला लग रहा है। अरुण गिरी महाराज, पायलट बाबा के शिष्य हैं। ये बाबा हर समय गहने पहने रहते हैं। 10 तरह के रतन से जुड़ी कीमती अंगूठियां हमेशा इनके हाथों में रहती है। साथ ही यह अपने साथ चांदी का एक धर्म दंड रखते हैं। इनके हाथ में सोने के कई कड़े और बाजूबंद हैं। स्फटिक और क्रिस्टल की कीमती मलाई भी धारण करते हैं।