लखनऊ। यूपी विधानसभा में संभल हिंसा को लेकर चर्चा हुई। विपक्षी दलों ने सरकार पर हिंसा की घटनाओं को लेकर हमला बोला है। विपक्ष के आरोपों पर यूपी के सीएम योगी ने कहा कि मुस्लिम पर्व के जुलूस हिन्दू इलाकों से निकल सकते हैं, तो हिन्दू त्योहार के जुलूस मुस्लिम इलाके से क्यों नही निकल […]
लखनऊ। यूपी विधानसभा में संभल हिंसा को लेकर चर्चा हुई। विपक्षी दलों ने सरकार पर हिंसा की घटनाओं को लेकर हमला बोला है। विपक्ष के आरोपों पर यूपी के सीएम योगी ने कहा कि मुस्लिम पर्व के जुलूस हिन्दू इलाकों से निकल सकते हैं, तो हिन्दू त्योहार के जुलूस मुस्लिम इलाके से क्यों नही निकल सकते?
आपकी राजनीति हमेशा से बांटने और काटने की होती है, इसीलिए हमने कहा न बटेंगे न कटेंगे। सीएम ने कहा कि NCRB के आंकड़े बताते हैं कि साल 2017 से अब तक यूपी में सांप्रदायिक दंगे 95 प्रतिशत कम हुए है। यूपी में साल 2017 से अब तक दंगे नहीं हुए हैं। सपा शासन में 192 लोगों की मौत दंगों में हुई थी। जय श्री राम कहां से सांप्रदायिक नारा हो गया? हम अपने संबोधन में राम राम बोलते हैं, जय श्री राम किसी ने बोल दिया तो क्या हुआ? ये चिढ़ाने के लिए नहीं बोला गया है।
इस पर विपक्ष ने कहा कि हमने मंदिरों को छेड़ा नहीं , लेकिन कुओं को किसने पाट दिया? मूर्तियां कहां से बरामद हो रही हैं? शफीकुर्रहमान रहमान स्वयं को भारत का नागरिक नहीं बल्कि बाबर की संतान बताते थे। भारत के अंदर बाबर और औरंगज़ेब की परंपरा नहीं रहेगी। सीएम योगी ने कहा कि संभल के शेख और पठान बोल रहे हैं कि वो कभी हिंदू थे। विपक्ष सच पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहा है। सच को छुपाया नहीं जा सकता, सच सामने आएगा। बाबरनामा कहता है कि मंदिर को तोड़कर मस्ज़िद बनाया गया।
विष्णु का दसवां अवतार संभल में होगा। ये तो केवल सर्वे की बात थी, सर्वे 19 और 21 नवंबर को भी हुआ था। 23 नवंबर को जुमे की नमाज़ के दौरान जो दलीले दी गई, उससे माहौल बिगड़ा है। योगी ने आगे कहा कि साल 1978 में 184 हिंदुओं की मौत हुई थी, उन्हें सामूहिक रूप से जलाया गया था। संभल में माहौल बिगाड़ा गया है। संभल में दंगों का इतिहास 1947 से है. 1948, 1958, 1962, 1978 में दंगे हुए। 1978 में 184 हिंदुओं को दंगे में जिंदा जला दिया गया।
विपक्ष इस सच को मानेगा नहीं। 1980 में फिर दंगा हुआ, 1986,1990, 1992, 1996 में फिर कई बार दंगे हुए।