लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट का आयोजन किया गया। इस कैबिनेट बैठक में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। कैबिनेट ने गुरूवार 12 दिसंबर को हुई बैठक में देश में एक बार में चुनाव कराने के प्रस्ताव को अपनी सहमति दे दी है। कार्यान्वयन समूह का गठन […]
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट का आयोजन किया गया। इस कैबिनेट बैठक में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। कैबिनेट ने गुरूवार 12 दिसंबर को हुई बैठक में देश में एक बार में चुनाव कराने के प्रस्ताव को अपनी सहमति दे दी है।
कोविंद समिति ने लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव दो चरणों में कराने का भी सुझाव पेश किया है। इस पर समिति ने कहा कि पहले चरण में लोकसभा और राज्यसभा चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव है, वहीं दूसरे चरण में 100 दिनों के अंदर स्थानीय निकायों के चुनाव कराने का प्रस्ताव है। समिति ने कहा है कि सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची तैयार होनी चाहिए। ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लागू करने के लिए एक कार्यान्वयन समूह का भी गठन किया जाएगा।
कार्यान्वयन समूह कैबिनेट द्वारा पारित सिफारिशों पर राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों से भी उनकी प्रतिक्रिया ली जाएगी। जिसके बाद इसके लिए जरूरी संविधान संशोधन बिल संसद में पेश किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार विधेयक लाने से पहले आम सहमति बनाने के लिए राजनीतिक दलों के साथ विस्तृत चर्चा करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ 2029 के लोकसभा चुनाव से लागू किया जाएगा। वैष्णव ने कहा कि यह कहना संभव नहीं है कि इसे किस चुनाव से लागू किया जाएगा।
पीएम मोदी ने इस संबंध में एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि कैबिनेट ने एक साथ चुनाव कराने की उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को मंजूरी मिल गई है। मैं इस प्रयास की अध्यक्षता करने और विभिन्न हितधारकों से प्रतिक्रिया करने के लिए हमारे पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद जी की प्रशंसा करता हूं। यह हमारे लोकतंत्र को अधिक गतिशील बनाएगा। साथ ही सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।