लखनऊ: जौनपुर की अटाला मस्जिद के सर्वेक्षण की मांग को लेकर हिंदू पक्ष की याचिका पर जिले की वरिष्ठ डिविजन अदालत ने 16 दिसंबर की तारीख तय की है। स्वराज वाहिनी एसोसिएशन की तरफ से अदालत में याचिका दायर की गई थी। याचिका में मांग की गई है कि जौनपुर की अटाला मस्जिद, जो अटाला देवी का पहला मंदिर है, जिसमें हिंदू पक्ष को पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
मुस्लिम पक्ष ने क्या कहा?
वहीं मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष के वकील पर आरोप लगाते हुए कोर्ट में कहा कि हिंदू पक्ष की ओर से मीडिया ट्रायल किया जा रहा है, जिस पर हिंदू पक्ष के वकील राम सिंह ने कहा कि मीडिया स्वतंत्र है और उसके काम में कोई दखल नहीं दे सकता. बता दें कि हिंदू पक्ष ने सर्वे को लेकर याचिका में मांग की गई है कि पुलिस बल और अमीन के साथ मस्जिद का सर्वे कराया जाए।
दाखिल मुकदमे की पोषणीयता को मिली थी मंजूरी
जिला जज ने इसी साल 12 अगस्त को एक आदेश जारी कर जौनपुर की जिला अदालत में दाखिल मुकदमे की पोषणीयता को मंजूरी दे दी थी. इससे पहले 29 मई को जौनपुर जिला न्यायालय के सिविल जज ने मामला दर्ज कर सुनवाई शुरू करने का आदेश दिया था. स्वराज वाहिनी एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष संतोष कुमार मिश्रा ने जौनपुर जिला अदालत में मामला दाखिल कर यह दावा किया था.
16 दिसंबर को होगी सुनवाई
दायर की गई याचिका में कहा गया था कि जौनपुर की अटाला मस्जिद मंदिर को तोड़कर बनाया गया है। दावा है कि जिस जगह मस्जिद है, वहां पहले अटला देवी का हिंदू मंदिर था। इस मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा विजय चंद्र ने करवाया था। फ़िरोज़ शाह तुगलक ने जौनपुर पर कब्ज़ा करने के बाद मंदिर को मस्जिद में बदल दिया। वहीं, हाईकोर्ट में 16 दिसंबर को सुनवाई होगी. इसमें मस्जिद की जगह मंदिर होने का दावा करने वाले स्वराज वाहिनी संगठन को अपना जवाब दाखिल करना होगा.