लखनऊ। खुद को किन्नर बताने वाले ने आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म किया। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद यह मामला जब कोर्ट पहुंचा तो किन्नर होने का हवाला देकर कहने लगा कि वह तो दुष्कर्म कर ही नहीं सकता। हालांकि कोर्ट के आदेश पर जेल प्रशासन ने उसका एसजीपीजीआई में लिंग परीक्षण कराया तो वह पुरुष निकला।
फरीन की बुआ के घर टीवी देखने गई
बता दें कि 8 साल की बच्ची 27 मार्च 2022 को दोपहर 3 बजे फरीन किन्नर की बुआ के घर टीवी देखने गई थी। फरीन बच्ची को अपने घर से खीरा खिलाने के बहाने अपने घर ले गया। इसके बाद 8 साल की मासूम जब घर लौटी तो उसके प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। जब मां ने बेटी से पूछा तो उसने दुष्कर्म की बात बताई। वह बेटी को लेकर डॉक्टर के पास गई। 10-12 दिन उसका इलाज चला। फिर इस मामले में केस दर्ज कराया गया और 22 जून 2022 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी।
फरीन ने कहा वह किन्नर है
सुनवाई के दौरान पीड़िता पक्ष की ओर से 9 सबूत और नौ गवाह पेश किए गए। बचाव पक्ष ने फरीन को किन्नर साबित करने की पूरी कोशिश की, लेकिन नाकामयाब हो गए। पीड़िता के बयान और गवाहों को सुनने, साक्ष्यों को देखने के बाद कोर्ट ने फरीन को दोषी करार दिया। बचाव पक्ष ने 24 अगस्त 2023 को कोर्ट में अर्जी दायर कहा कि फरीन की सामाजिक पृष्ठभूमि किन्नर की है। वह महिलाओं के कपड़े पहनती है और महिलाओं की तरह ही रहती है। फरीन ने भी अपने बयान में दावा किया कि वह जन्म से ही महिला किन्नर है। वह किसी का रेप नहीं कर सकती।
कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई
इसके बाद कोर्ट के आदेश पर जेल प्रशासन ने 18 सितंबर 2024 को फरीन किन्नर का लिंग परीक्षण करवाया। इसमें फरीन के पुरुष होने की पुष्टि हुई। 27 सितंबर को पीड़िता पक्ष की ओर से फरीन की लिंग परीक्षण रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई। इसी आधार पर स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट के तहत उसे 20 साल कैद की सुजा सुनाई है। साथ ही 12 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि पीड़िता को बतौर पुनर्वास देने का आदेश दिया है।