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यूपी में 27 हजार पदों पर शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ, हाईकोर्ट का आदेश बरकरार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती में खाली रह गई 27 हजार से ज्यादा सीटों का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने बेसिक शिक्षा में सहायक शिक्षकों के 68,500 पदों पर भर्ती के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ के आदेश को बरकरार रखा है. इस मामले में हाई कोर्ट ने […]

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  • December 8, 2024 6:01 am IST, Updated 3 months ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती में खाली रह गई 27 हजार से ज्यादा सीटों का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने बेसिक शिक्षा में सहायक शिक्षकों के 68,500 पदों पर भर्ती के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ के आदेश को बरकरार रखा है. इस मामले में हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि राज्य सरकार खाली सीटों को भरे.

सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया था दरवाजा

दरअसल, इस मामले में कुछ अभ्यर्थी कटऑफ अंक कम कर रिक्त पदों पर चयन की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए थे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है. अब याचिका खारिज होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग की भर्ती प्रक्रिया हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक आगे बढ़ेगी।

ये है पूरा मामला

साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित हुए शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था. कोर्ट के इस फैसले के बाद करीब 1.37 लाख शिक्षकों के पद खाली हो गये. इसके बाद यूपी सरकार ने दो चरणों में बहाली की.

एक चरण में 68,500 और 69 हजार पदों पर शिक्षकों की भर्ती की गई. इसके बाद इसकी परीक्षा आयोजित की गई. जब इसका परिणाम घोषित किया गया तो अनारक्षित वर्ग के लिए कटऑफ 45 प्रतिशत निर्धारित की गई, जबकि ओबीसी और अन्य श्रेणियों के लिए कटऑफ 40 प्रतिशत निर्धारित की गई। लेकिन योग्य उम्मीदवार नहीं मिलने के कारण 27 हजार से ज्यादा पद खाली रह गये.

क्या था हाईकोर्ट का फैसला

कुछ अभ्यर्थियों ने भर्ती परीक्षा में कॉपियां बदले जाने का आरोप लगाकर कटऑफ कम करने की मांग की थी. इसके लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की गई थी. तब हाई कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. तब सरकार इस मामले में डबल बेंच में गयी थी.

तब डबल बेंच ने आदेश दिया था कि सरकार खाली पदों को भरे. लेकिन कटऑफ अंक कम कर नियुक्ति की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए अभ्यर्थियों की याचिका वहां भी खारिज कर दी गई.


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